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आर्थिक मोर्चे पर राहुल ने सरकार को घेरा,-‘मोदी है तो मुमकिन है’

आर्थिक मोर्चे पर राहुल गांधी ने सरकार को घेरा- ‘मोदी है तो मुमकिन है’

 

राहुल गांधी ने अपने ट्वीट के साथ एक खबर भी शेयर की है. इसमें इन्फोसिस के संस्थापक एनआर नारायण मूर्ति के हवाले से दावा किया गया है कि जीडीपी ग्रोथ 1947 से भी नीचे जा सकती है.

 

नई दिल्ली: लंबे समय से देश के आर्थिक हालातों को लेकर मोदी सरकार पर हमलावर राहुल गांधी ने आज एक बार फिर निशाना साधा है. राहुल गांधी बीजेपी के ‘मोदी है तो मुमकिन है’ के नारे के साथ सरकार को आर्थिक मोर्चे पर घेरा है.

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राहुल गांधी ने पहली बार ‘मोदी है तो मुमकिन है’ के नारे के साथ सरकार पर हमला बोला है. इससे पहले वे सूट-बूट की सरकार जैसे जुमलों के जरिए सरकार पर हमला बोलते रहे हैं.

राहुल गांधी ने अपने ट्वीट के साथ एक खबर भी शेयर की है. इसमें इन्फोसिस के संस्थापक एनआर नारायण मूर्ति के हवाले से दावा किया गया है कि जीडीपी ग्रोथ 1947 से भी नीचे जा सकती है.

राहुल गांधी ने जो खबर शेयर की उसमें क्या है ?
इन्फोसिस के संस्थापक एन आर नारायणमूर्ति ने मंगलवार को आशंका जताई की कोरोना वायरस के चलते इस वित्त वर्ष में देश की आर्थिक गति आजादी के बाद सबसे खराब स्थिति में होगी. उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था को जल्द से जल्द पटरी पर लाया जाना चाहिये.

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उन्होंने आशंका जताई कि इस बार सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में स्वतंत्रता के बाद के सबसे बड़ी गिरावट दिख सकती है. नारायण मूर्ति ने ऐसी एक नई प्रणाली विकसित करने पर भी जोर दिया जिसमें देश की अर्थव्यवस्था के हर क्षेत्र में प्रत्येक कारोबारी को पूरी क्षमता के साथ काम करने की अनुमति हो.

मूर्ति ने कहा, ‘‘भारत की जीडीपी में कम से कम पांच प्रतिशत संकुचन का अनुमान लगाया जा रहा है. ऐसी आशंका है कि हम 1947 की आजादी के बाद की बससे बुरी जीडीपी वृद्धि (संकुचन) देख सकते हैं.’’

साफ्टवेयर क्षेत्र में बड़ी पहचान रखने वाले मूर्ति यहां ‘‘भारत की डिजिटल क्रांति का नेतृत्व’’ पर आयोजित एक परिचर्चा में भाग ले रहे थे. वीडियो कन्फ्रेंसिंग के जरिये हुई यह परिचर्चा इंस्टीट्यूट आफ इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नालॉजी के ‘इंडिया डिजिटल कन्वर्सेशन के 16वें संस्करण के तहत आयोजित की गई थी.

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नारायण मूर्ति ने कहा, ‘‘वैश्विक जीडीपी नीचे गई है. वैश्विक व्यापार डूब रहा है, वैश्विक यात्रा करीब करीब नदारद हो चुकी है. ऐसे में वैश्विक जीडीपी में पांच से 10 प्रतिशत तक संकुचन होने का अनुमान है.’’

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