परंपराओं के दौर में एक अनूठी परंपरा जो भारत के अनेक हिस्सों में अनेकों तरीके से मनाई जाती है या यूं कहें तो बड़े मजे से हंसी खुशी के साथ निभाई जाती है, जनवरी में मकर संक्रांति के ठीक 1 दिन पहले लोहंडी का त्यौहार पूरे उत्तर भारत में खासकर पंजाब और हरियाणा में मनाया जाता है , तो वही इसी पर्व को बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड, बंगाल सहित मध्य प्रदेश में खिचड़ी के नाम से भी जाना जाता है , पारंपरिक हर्ष उल्लास के साथ इस त्यौहार को हिंदी भाषी क्षेत्रों में पतंगबाजी, श्रद्धा स्नान ,तिल तिलकुट खाकर मनाया जाता है इन परंपराओं पर अगर गौर करें तो मकर संक्रांति मकर रेखा से संबंधित है !
सूर्य के एक राशि से दूसरी राशि में जाने को ही संक्रांति कहते हैं. एक संक्रांति से दूसरी संक्रांति के बीच का समय ही सौर मास है. वैसे तो सूर्य संक्रांति 12 हैं, लेकिन इनमें से चार संक्रांति महत्वपूर्ण हैं जिनमें मेष, कर्क, तुला, मकर संक्रांति हैं. मकर संक्रांति के शुभ मुहूर्त में स्नानए दान और पुण्य के शुभ समय का विशेष महत्व है.
मकर संक्रांति के पावन पर्व पर गुड़ और तिल लगाकर नर्मदा में स्नान करना लाभदायी होता है. इसके बाद दान संक्रांति में गुड़, तेल, कंबल, फल, छाता आदि दान करने से लाभ मिलता है और पुण्यफल की प्राप्ति होती है. 14 जनवरी ऐसा दिन है, जब धरती पर अच्छे दिन की शुरुआत होती है. ऐसा इसलिए कि सूर्य दक्षिण के बजाय अब उत्तर को गमन करने लग जाता है. जब तक सूर्य पूर्व से दक्षिण की ओर गमन करता है तब तक उसकी किरणों का असर खराब माना गया है, लेकिन जब वह पूर्व से उत्तर की ओर गमन करते लगता है तब उसकी किरणें सेहत और शांति को बढ़ाती हैं.
मकर संक्रांति त्योहार विभिन्न राज्यों में अलग-अलग नाम से मनाया जाता है
उत्तर प्रदेश : मकर संक्रांति को खिचड़ी पर्व कहा जाता है. सूर्य की पूजा की जाती है. चावल और दाल की खिचड़ी खाई और दान की जाती है.
गुजरात और राजस्थान : उत्तरायण पर्व के रूप में मनाया जाता है. पतंग उत्सव का आयोजन किया जाता है.
आंध्रप्रदेश : संक्रांति के नाम से तीन दिन का पर्व मनाया जाता है.
तमिलनाडु : किसानों का ये प्रमुख पर्व पोंगल के नाम से मनाया जाता है. घी में दाल-चावल की खिचड़ी पकाई और खिलाई जाती है.
महाराष्ट्र : लोग गजक और तिल के लड्डू खाते हैं और एक दूसरे को भेंट देकर शुभकामनाएं देते हैं.
पश्चिम बंगाल : हुगली नदी पर गंगा सागर मेले का आयोजन किया जाता है.
असम : भोगली बिहू के नाम से इस पर्व को मनाया जाता है.
पंजाब : एक दिन पूर्व लोहड़ी पर्व के रूप में मनाया जाता है. धूमधाम के साथ समारोहों का आयोजन किया जाता है.
लोहड़ी के मौके लिए न सिर्फ बॉलीवुड पंजाबी सिंगर्स ने भी कई गाने तैयार किए हैं. वैसे भी जश्न का मौका है तो रात के समय जब त्योहार मनाया जाता है तो लोग न सिर्फ गानों पर झूमते गाते हैं, बल्कि पुरानी परंपराओं को भी ताजा करते हैं. हाल ही में रिलीज हुई फिल्म ‘गुड न्यूज़’ का गाना ‘लाल घाघरा’ जैसे गाने सुनकर आप लोहड़ी पर अपने फ्रेंड्स, फैमिली के साथ पूरी रात झूम सकते हैं. आइए लोहड़ी स्पेशल गीत पर नजर डालते हैं….