देश मे एक जनवरी से चार पहिया वाहनों के लिए फास्टैग जरूरी हो गया, परिवहन मंत्रालय के द्वारा जारी एडवाइजरी मे कहा गया की अब बिना फास्टैग के चार पहिया वाहनों को चलाने की इजाजत नही होगी ! इसमें एक दिसंबर 2017 से पहले बेचे गए ‘एम’ और ‘एन’ श्रेणी के मोटर वाहन (चार पहिया) के लिए फास्टैग अनिवार्य किया गया है। इसके लिए केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम-1989 में संशोधन किया गया है। पहले एक दिसंबर 2017 के बाद पंजीकृत होने वाले सभी नए चार पहिया वाहनों के लिए फास्टैग अनिवार्य कर दिया गया था।
इसके अलावा राष्ट्रीय परमिट वाहनों के लिए भी एक अक्टूबर 2019 से फास्टैग चिपकाना अनिवार्य किया जा चुका है। इसी के साथ फॉर्म-51 (बीमा प्रमाण पत्र) में संशोधन कर नया तृतीय पक्ष बीमा लेते समय वैध फास्टैग होना अनिवार्य कर दिया गया है। बीमा प्रमाणपत्र में संशोधन का यह नया नियम एक अप्रैल 2021 से प्रभावी होगा। देशभर में टोल बूथ पर इलेक्ट्रॉनिक तरीके से चुंगी कर एकत्रित करने के लिए फास्टैग की व्यवस्था लायी गयी है।
सीएमवीआर, 1989 के मुताबिक 2017 से नए चार पहिया वाहनों के रजिस्ट्रेशन के लिए फास्टैग को अनिवार्य किया गया है। यह फास्टैग वाहन निर्माता या उसके डीलर द्वारा उपलब्ध कराया जाता है। बयान में यह भी कहा गया है कि ट्रांसपोर्ट वाहनों के लिए फिटनेस सर्टिफिकेट लेने के लिए फास्टैग को अनिवार्य बनाने का भी प्रस्ताव है। नेशनल परमिट वाले व्हीकल के लिए फास्टैग को 1 अक्टूबर, 2019 से अनिवार्य किया जा चुका है।
फास्टैग एक ऐसा डिवाइस है, जिसमें रेडियो फ्रेंक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआईडी) टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है। इसे वाहन के विंडस्क्रीन पर लगाया जाता है और यह वाहन चालकों को टोल प्लाजा पर बिना रुके डिजिटल शुल्क भुगतान की सुविधा प्रदान करता है। टोल प्लाजा पर स्कैनर फास्टैग को स्कैन करता है और प्रीपेड या सेविंग एकाउंट से सीधे भुगतान प्राप्त करता है।