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दिल्ली आबकारी नीति में फर्जीवाड़ा में ईडी की सप्लीमेंट्री चार्जशीट में डिप्टी CM मनीष सिसोदिया को नहीं बनाया गया आरोपी

दिल्ली. केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली सरकार की आबकारी नीति में फर्जीवाड़ा को अंजाम देने वाले के खिलाफ शुरूआती तफ्तीश आगे बढ़ाते हुए सप्लीमेंट्री चार्जशीट कोर्ट में दायर करने वाली है. ईडी सूत्रों की अगर मानें तो दायर होने वाली दूसरी चार्जशीट यानी सप्लीमेंट्री चार्जशीट में भी गिरफ्तार आरोपियों और उससे संबंधित कंपनियों के ही नाम. ईडी मुख्यालय में कार्यरत HIU ब्रांच की टीम द्वारा दिल्ली सरकार की आबकारी नीति से संबंधित मामले की तफ्तीश से संबंधित पहले चार्जशीट में शराब कारोबारी समीर महेन्द्रू को आरोपी बनाया था. लेकिन 6 जनवरी 2023 को दायर होने वाले सप्लीमेंट्री  चार्जशीट में पांच आरोपियों के साथ -साथ कुछ कंपनियों को आरोपी के तौर पर उस चार्जशीट में नामजद कर सकती है.

सप्लीमेंट्री चार्जशीट में विजय नायर -पूर्व CEO, ओनली मच लॉउडर, मुम्बई, अभिषेक बोइनपल्ली​ — हैदराबाद का कारोबारी, सरथ चन्द्र रेड्डी- आंध्रप्रदेश का कारोबारी, बेनॉय बाबू –  शराब कारोबारी, अमित अरोड़ा – मेसर्स `बडी रिटेल प्राइवेट लिमिटेड, पेर्नोड रिकार्ड इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स ऑर्गनॉमिक्स एकोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स ट्रिडेंट चेम्फर लिमिटेड और मेसर्स श्री अवंतिका कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड को आरोपी बनाया गया है. ​दिल्ली सरकार के आबकारी मंत्री मनीष सिसोदिया को फिलहाल पहले चार्जशीट के बाद अब दूसरे  चार्जशीट में भी एआरओपी नहीं बनाया गया है, लेकिन ‘नो क्लीनचीट’ दी गई है

ईडी के सूत्रों के मुताबिक दिल्ली सरकार के आबकारी मंत्री मनीष सिसोदिया को फिलहाल 6 जनवरी को  दायर होने वाले दूसरी  चार्जशीट यानी सप्लीमेंट्री चार्जशीट में भी आरोपी नहीं बनाया गया है. बल्कि इस चार्जशीट में उन लोगों को आरोपी बनाया गया है जिसकी गिरफ्तारी हो चुकी है या उससे जुड़े कंपनियों की भूमिका तफ्तीश के दौरान सामने आई है. यानी जिससे पूछताछ की जा चुकी हो या उसके खिलाफ पुख़्ता सबूतों के आधार पर गिरफ्तार किया गया है. सीबीआई (CBI ) मनीष सिसोदिया को अपने दर्ज एफआईआर में आरोपी नम्बर एक यानी मुख्य आरोपी बनाया था. उसी एफआईआर को आधार बनाते हुए ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA Act ) के तहत मामला दर्ज किया था और आगे की तफ़्तीश कर रही है. लेकिन इस मामले में पांच  शराब कारोबारियों से पूछताछ करने के बाद उन्हें गिरफ्तार किया था. लिहाजा इसी वजह से उन आरोपियों के खिलाफ जांच एजेंसी ईडी द्वारा पहला सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर किया जा रहा है.

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इस मामले की आगे की तफ़्तीश के दौरान कई अन्य आरोपियों से पूछताछ की जाएगी. उसी के आधार पर बाद में कुछ और  सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर किया जाएगा. पहले और दूसरे  चार्जशीट में अगर किसी आरोपी का नाम आरोपी के तौर पर नहीं है तो इसका मतलब यह नहीं है कि उसे जांच एजेंसी से “क्लीनचिट “मिल गई है. इसका मतलब तफ़्तीश जारी है.

पॉलिटिकल कनेक्शन भी आ सकता है सामने
जांच एजेंसी के सूत्रों की अगर मानें तो पिछले दो महीनों के दौरान हुई करीब दो दर्जन लोगों से पूछताछ के दौरान काफी महत्वपूर्ण इनपुट्स और बयानों को ईडी के द्वारा दर्ज किया गया है. उसी के आधार पर कहा जा सकता है कि आने वाले कुछ वक्त के दौरान कुछ राजनीतिक हस्तियों से भी इसी मामले में जुड़े कनेक्शन की वजह से उन्हें पूछताछ करने के लिए समन भेजा जाएगा और दिल्ली स्थित ईडी मुख्यालय में पूछताछ किया जाएगा.

ईडी मुख्यालय में स्थित HIU ब्रांच की टीम काफी तेजी से और सतर्कता से इस मामले की तफ़्तीश में जुटी हुई है. लिहाजा इस मामले में पिछले दो महीने से लगातार कई आरोपियों का बयान दर्ज किया जा चुका है. ईडी के वरिष्ठ सूत्र के मुताबिक ‘इस मामले की बात हो या किसी अन्य मामले की हमलोग ये कोशिश करते हैं कि तमाम सबूतों और दर्ज बयानों, दस्तावेजों के आधार पर मामले की तफ़्तीश रिपोर्ट को कोर्ट के सामने रखते हैं. जिससे कि आरोपी को किसी भी आधार पर बचने का मौका नहीं मिल सके.’

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ईडी की तफ़्तीश में “साउथ ग्रुप ” संबंधित मिले कई इनपुट्स
दिल्ली आबकारी नीति घोटाला मामले की तफ़्तीश के दौरान ईडी द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले की तफ्तीश के दौरान कई अन्य आरोपियों से रोजाना पूछताछ की जा रही है.  ईडी के वरिष्ठ सूत्रों के मुताबिक हैदराबाद मूल के रहने वाले कारोबारी अभिषेक बोइनपल्ली और विजय नायर के बारे में ये जानकारी मिली कि ये दोनों आरोपी बेहद प्रभावशाली कारोबारी है, जिनका दिल्ली से लेकर हैदराबाद तक बेहद मजबूत राजनीतिक कनेक्शन है. तफ़्तीश के दौरान जांच एजेंसी ईडी को ये जानकरी मिली थी कि दक्षिण भारत के शराब कारोबारियों की कथित तौर पर लॉबिंग करने और दिल्ली में एक नई आबकारी नीति बनाने और उसके प्रावधानों से लाभ अर्जित करने के लिए दिल्ली, हैदराबाद और मुम्बई में कई राजनीतिक हस्तियों और कारोबारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक करके लॉबिंग किया था. इसके साथ ही हवाला कारोबारी के मार्फत दिनेश अरोड़ा और विजय नायर को करोड़ो रूपये भेजने का आरोप भी है. उसके बाद दिल्ली सरकार की विवादित आबकारी नीति जो नवंबर 2021 से लेकर जुलाई 2022 तक प्रभावी रही थी, उसको कई आरोपियों के द्वारा प्रभावित किया गया था.

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