News Times 7
टॉप न्यूज़बड़ी-खबरब्रे़किंग न्यूज़राजनीति

मायावती कर सकती है बसपा से सतीष चंद्र मिश्रा को किनारा

लखनऊ. बहुजन समाज पार्टी (BSP) अपने ढांचे को पूरी तरह बदलने की कवायद में जुटी नजर आती है. हाल फिलहाल के चुनावों में करारी हार के नतीजों ने मायावती  को झंकझोर दिया है. मायावती के हालिया फैसलों से ये जाहिर हो रहा है कि विधानसभा चुनावों में मिली करारी हार की गाज सतीष चंद्र मिश्रा पर गिराई गई है. बहुजन समाज पार्टी के सबसे बड़े ब्राह्मण चेहरे के तौर पर सतीश मिश्रा पार्टी पूरी जी जान से जुटे थे. बसपा का ब्राह्मण चेहरा, मिश्रा पार्टी की कानूनी विंग को संभालने के अलावा, पार्टी के संगठनात्मक मामलों में एक प्रमुख स्तंभ हुआ करते थे. फरवरी-मार्च में उत्तर प्रदेश में हुए विधानसभा चुनावों में, बसपा केवल एक सीट पर सिमट कर रह गई. पार्टी को इतनी खराब परर्फामेंस की उम्मीद कतई नहीं थी.Satish chandra mishra name not in star BSP 40 campaigners Himachal pradesh  two independent MLA in BJP - LS उप-चुनावः इधर BSP के स्टार प्रचारकों में  ब्राह्मण फेस सतीश चंद्र मिश्रा गायब;

इसके बाद मायावती ने आजमगढ़ के हुए उपचुनावों में पार्टी की तरफ से जारी की स्टार प्रचारकों की सूची में से सतीष चंद्र मिश्रा के नाम को हटा कर ये संदेश साफ कर दिया था कि अब सतीष चंद्र मिश्रा के पर कतरने की तैयारी कर चुकी थी. उसके बाद मायावती ने अब तक लखनऊ में पार्टी के सभी शीर्ष पदाधिकारियों और राज्य पदाधिकारियों की तीन बैठकें की. लेकिन सतीष चंद्र मिश्रा उसमें भी नदारद रहे. वरिष्ठ पत्रकार रतनमणि लाल कहतें कि मायावती सतीष चंद्र मिश्रा की जगह किसी और चेहरे की तलाश में हैं.UP Vidhansabha Chunav 2022 Satish Chandra Mishra Wife Kalpna Mishra Might  Enter in BSP upns | सतीश मिश्रा की पत्नी करेंगी BSP में एंट्री? मायावती के  बाद बन सकती हैं बड़ा चेहरा,

क्या दलित चेहरे की होगी ताजपोशी?
इस बात में कोई दो राय नहीं. सतीष मिश्रा के सक्रिय न दिखने की पीछे पार्टी भले उनकी खराब तबीयत का हवाला देती रही हो, लेकिन इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि पार्टी में मिश्रा की भूमिका सिकुड़ गई है. रतनमणि लाल कहतें कि हैं कि अगर आने वाले दिनों में पार्टी सुप्रीमो मायावती ब्राह्मण चेहरे को साइडलाइन कर किसी दलित चेहरे की ताजपोशी कर दें तो इसमें कोई हैरानी नहीं होगी. खबरों की मानें तो सतीष चंद्र मिश्रा अब सिर्फ पार्टी के लीगल सेल की जिम्मेदारी संभालेंगे.UP चुनावः BSP में सतीश मिश्रा का परिवार भी एक्टिव, लोगों से मिल रहे बेटे और  पत्नी - UP election BSP satish chandra mishra family son kapil mishra wife  kalpana mishra Prabuddh

Advertisement

ग्राउंड लेवल पर मिला फीडबैक
सूत्र ये भी बतातें हैं कि विधानसभा चुनाव में पार्टी के निराशाजनक प्रदर्शन को लेकर बहनजी मिश्रा से खासी नाराज हैं. दरअसल, विधानसभा चुनावों में बीएसपी की बागडोर सतीश मिश्रा ने संभाली हुई थी. उन्होंने पूरे राज्य में घूम-घूम कर 55 जनसभाएं की, जिनमें उनका उद्देश्य ब्राह्मणों और दलितों के बीच भाईचारा बढ़ाना था, ताकि चुनाव में इसका फायदा पार्टी को मिले. हालांकि, इसका कोई खास लाभ पार्टी को नहीं मिला और बीएसपी पूरे राज्य में सिर्फ एक ही सीट जीत पाई. ग्राउंड लेवल पर जो फीडबैक मिला उससे पार्टी सुप्रीमो ने ये नए बदलाव किए हैं. दलित समुदाय इस बात से खुश नहीं था कि पार्टी की जिम्मेदारी एक ब्राह्मण के पास है और ना ही उनके द्वारा किए जा रहे कामों से दलित समुदाय संतुष्ट था.satish chandra mishra said why bsp has supported abrogation of Article 370  in parliament - सतीश चंद्र मिश्रा ने बताया- 370 पर बीएसपी ने क्यों दिया था  बीजेपी का साथ, बोले- यूपी

Advertisement

Related posts

चलने को सडक नही संसदीय क्षेत्र मे पर सपना देखे हैं मुख्यमंत्री का

News Times 7

संजय सिंह ने कोर्ट से कहा सर मुझे…रातभर लॉकअप के बाहर सुलाया गया

News Times 7

5.30 बजे कोलकाता में भाजपा आज करेगी चुनावी घोषणापत्र जारी

News Times 7

Leave a Comment

टॉप न्यूज़
ब्रेकिंग न्यूज़