मोहाली ब्लास्ट की जांच में पुलिस की 18 टीमें लगाई गई हैं. इनमें से पांच टीमें टोल प्लाजा का रिकॉर्ड खंगालने में लगी हुई हैं. जांच के दौरान ऐसी 7 गाड़ियां चिन्हित की गई हैं जिनको वारदात में शामिल किए जाने का अंदेशा है. पुलिस की टीमों ने आरोपियों की तलाश में पड़ोसी राज्यों में दबिश दी है. मीडिया रिपोर्ट में पुलिस सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि आरपीजी से हमला करने के बाद दो युवक मोहाली छोड़ डेराबस्सी, अंबाला और दिल्ली के रास्ते उत्तर प्रदेश भागने में कामयाब रहे.
पंजाब के डीजीपी वीके भवरा ने आरपीजी में टीएनटी का इस्तेमाल करने का अंदेशा जताया है. हालांकि मामले में खालिस्तानी संगठनों की भूमिका के बारे में उन्होंने फिलहाल कुछ भी कहने से इनकार किया है. पुलिस ने हमले में इस्तेमाल किए गए एक रूसी रॉकेट लॉन्चर बरामद किया है. पुलिस को यह लॉन्चर विस्फोट स्थल से करीब 1 किमी दूर पुराने सोहाना रोड के पास स्थित एक भूखंड से मिला है. साथ ही पुलिस ने करीब 20 संदिग्धों को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ की जा रही है.
पाकिस्तान से भी जुड़े हो सकते हैं तार
अंग्रेजी अखबार दि ट्रिब्यून की रिपोर्ट में एक अधिकारी के हवाले से कहा गया है, ‘ऐसा संदेह है कि पाकिस्तान स्थित गैंगस्टर से आतंकवादी बना हरविंदर सिंह उर्फ रिंदा इस घटना का मास्टरमाइंड था.’ वह राज्य में ड्रग्स व हथियारों की तस्करी और हमलों को अंजाम देने के लिए अपने अपराधियों के नेटवर्क का इस्तेमाल कर रहा है.
सूत्रों ने कहा कि ड्रोन के जरिए सीमा पार से हथियारों की तस्करी के प्रयास किए जा रहे हैं. पुलिस ने हाल ही में विभिन्न स्थानों से करीब 10 किलो आरडीएक्स बरामद किया है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और इंटेलिजेंस ब्यूरो की टीमों के अलावा अन्य लोगों ने अनौपचारिक रूप से साइट का निरीक्षण किया गया है.
सफेद रंग की कार से आए थे आरोपी
सूत्रों के मुताबिक, ऐसा प्रतीत होता है कि आरोपी सफेद रंग की कार से घटनास्थल तक गए थे. सड़क के बाहर से एक रॉकेट से चलने वाला ग्रेनेड (आरपीजी) दागा गया जो इमारत की तीसरी मंजिल तक पहुंच गया, लेकिन विस्फोट नहीं हुआ. हमले में केवल कांच के दरवाजे, खिड़की के शीशे, कुछ फर्नीचर और कंप्यूटर क्षतिग्रस्त हुए. पुलिस सूत्रों ने बताया कि घटना के बाद कार सवार संदिग्ध एयरपोर्ट रोड चले गए और दप्पर टोल प्लाजा पार कर अंबाला की ओर भाग गए.