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फोन टैपिंग के मामले में नया खुलासा -असामाजिक तत्व’ बताकर संजय राउत और एकनाथ खड़से के फोन किए गए टैप

शिवसेना और एनसीपी नेताओं के फोन टैप कांड में नया खुलासा हुआ है. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, मुंबई पुलिस ने बुधवार को बताया कि शिवसेना के नेता संजय राउत का फोन 60 दिनों तक टैप किया गया था जबकि एनसीपी नेता एकनाथ खड़से के फोन को 67 दिनों तक सर्विलांस पर रखा गया था. पुलिस ने ये भी बताया कि राज्य के खुफिया विभाग (SID) की तरफ से फोन की निगरानी के लिए इजाजत मांगने को अडिशनल चीफ सेक्रेटरी (ACS Home) को जो पत्र लिखा गया था, उसमें कई नेताओं को ‘असामाजिक तत्व’ बताया गया था. इसी आधार पर फोन को सर्विलांस पर डालने की मंजूरी दी गई थी. मुंबई पुलिस के इस खुलासे के बाद संजय राउत ने एसआईडी की तत्कालीन प्रमुख रश्मि शुक्ला पर तीखे हमले किए.मुंबई पुलिस का दावा- संजय राउत का फोन दो महीने तक हुआ टैप, असामाजिक तत्व की  लिस्ट में थे शामिल - shivsena sanjay raut eknath khadse mumbai police

नवंबर 2019 में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी की सरकार के गठन से ठीक पहले कई बड़े नेताओं की फोन टैपिंग प्रदेश की सियासत में बड़ा मुद्दा रहा है. इसे लेकर एसआईडी की तत्कालीन प्रमुख रश्मि शुक्ला के खिलाफ दो एफआईआर भी हो चुकी हैं. हाल ही में उन्होंने बयान भी दर्ज कराए थे. रश्मि शुक्ला फिलहाल सेंट्रल डेपुटेशन पर हैं और सीआरपीएफ की अडिशनल डीजी के तौर पर हैदराबाद में पोस्टेड हैं. पुलिस संजय राउत और एकनाथ खड़से से भी पूछताछ कर चुकी है. एएनआई के मुताबिक, असामाजिक तत्व बताकर फोन टैपिंग की मंजूरी हासिल करने के खुलासे पर शिवसेना नेता ने प्रतिक्रिया में कहा कि एसआईडी की तत्कालीन कमिश्नर रश्मि शुक्ला ने हम सभी पर झूठा आरोप लगाया था. हमारे फोन की निगरानी से हमारी गोपनीयता भंग हुई थी. केंद्र सरकार ऐसे अधिकारियों को सुरक्षा दे रही है जो एक पार्टी के लिए काम कर रहे हैं.क्या आरबीआई के नए गवर्नर शक्तिकांत दास अपनी निष्ठा बदल पाएंगे?

बता दें कि महाराष्ट्र में अक्टूबर 2019 में विधानसभा चुनाव हुए थे. तब मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अगुआई में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. लेकिन सरकार बनाने के लिए जरूरी नंबर नहीं जुटा पाई थी. इधर शिवसेना ने बीजेपी से अलग होकर कांग्रेस और एनसीपी से मिलकर सरकार गठन पर बातचीत शुरू कर दी थी. टाइम्स ऑफ इंडिया ने FIR के हवाले से बताया था कि इसी दौरान 7 से 14 नवंबर 2019 तक संजय राउत के फोन को सर्विलांस पर रखा गया. उसके बाद 18 नवंबर से 24 नवंबर तक फिर से उनके फोन की निगरानी की गई. इस दौरान 28 नवंबर को उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. शिवसेना और विपक्षी दलों ने फडणवीस पर आरोप लगाया कि उन्होंने सरकार गठन की जानकारी हासिल करने के मकसद से ये फोन टैपिंग कराई थी.मुंबईः 'असामाजिक तत्व' बताकर टैप किए गए थे संजय राउत और एकनाथ खड़से के फोन,  पुलिस का खुलासा - mumbai police on phone tapping case revealed sanjay raut  eknath khadse was in

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इससे पहले, एनसीपी नेता एकनाथ खड़से के सेल फोन को 21 जून से लेकर 17 अगस्त 2019 तक निगरानी में रखा गया था. खड़से एनसीपी में आने से पहले बीजेपी के नेता थे. इसी तरह कांग्रेस के नेता नाना पटोले और बच्चू काड के फोन भी टैप किए गए थे. बीजेपी की शह पर फोन टैपिंग कांड को अंजाम देने का आरोप राज्य खुफिया विभाग की उस समय प्रमुख रहीं रश्मि शुक्ला पर लगा. महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी सरकार बनने के बाद उद्धव ठाकरे सरकार ने टैपिंग कांड की जांच के लिए डीजीपी संजय पांडे की अगुआई में तीन सदस्यीय कमेटी बनाई. कमेटी की जांच रिपोर्ट के आधार पर रश्मि शुक्ला के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुईं. संजय पांडे इस वक्त मुंबई के पुलिस कमिश्नर हैं.

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