नीतीश कुमार के स्वास्थ व्यवस्था की हवा तब निकल गई जब एक बीमार दिव्यांग के इलाज के लिए एम्बुलेंस नहीं मिली दरसल यह पूरा मामला सीएम नीतीश कुमार के गृह जिला नालन्दा से सामने आया है. जिले के हिलसा अनुमण्डलीय अस्पताल से मानवता को शर्मसार कर देने वाली तस्वीर आई है.
दरअसल हिलसा शहर के पासवान टोली निवासी अशोक पासवान का 30 वर्षीय पुत्र अमरजीत कुमार (दिव्यांग) की शुक्रवार की अहले सुबह अचानक तबियत खराब हो गई. तबियत खराह होने पर परिजनों ने उसे अस्पताल ले जाने के लिये पहले एम्बुलेंस या निजी वाहन की तलाश की लेकिन वाहन नहीं मिला तो आनन फानन में सब्जी बेचने वाले ठेले पर लादकर ही किसी तरह अस्पताल में ले गए. अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों द्वारा दिव्यांग को मृत घोषित कर दिया गया. दिव्यांग युवक की मृत्यु के बाद स्वजन फुट-फुटकर रोने लगे.
अस्पताल के डॉक्टर व कर्मियों ने एम्बुलेंस उपलब्ध कराने की बजाय शव को ले जाने को कह दिया. परिजनों ने अस्पताल के आसपास भी शव को ले जाने के लिये वाहन की तलाश की लेकिन कहीं से सुविधा नहीं मिलता देख पुनः अपने ही ठेला पर शव को लादकर घर ले जाना पड़ा.
अनुमण्डलीय अस्पताल में मात्र एक एम्बुलेंस
कहने को तो अनुमंडलीय अस्पताल है पर यहां सुविधा का भारी अभाव है. अस्पताल में पूरे अनुमण्डल के प्रतिदिन दर्जनों मरीज भर्ती होते हैं जिसमें हर रोज एक दो मरीज नाजुक हालत में भी आ जाते हैं. मरीजों को पटना या बिहारशरीफ सदर अस्पताल ले जाने के लिये अस्पताल में मात्र एक एम्बुलेंस वह भी प्रसव को लाने और ले जाने में ही व्यस्त रहता है. इससे पहले भी नालंदा से कंधे पर, खाट पर, रिक्शा पर, शव ले जाने के कई मामले सामने आ चुके हैं, उसके बाद भी अस्पताल में एम्बुलेंस की संख्या नहीं बढ़ायी जा सकी है.
अस्पताल अधीक्षक बोले
इस मामले में अस्पताल के अधीक्षक यानी डीएस आरके राजू ने कहा कि हिलसा अनुमण्डलीय अस्पताल में एम्बुलेंस का अभाव पहले से ही है. इसके लिये जिला प्रशासन से अस्पताल एम्बुलेंस बढ़ाने की मांग की है. अनुमण्डल से काफी संख्या में मरीज अस्पताल में आते हैं, लेकिन पर्याप्त संख्या में एम्बुलेंस नहीं रहने से मरीजों को काफी परेशानी होती है. इस अस्पताल में शव ढोने के लिये वाहन की भी व्यवस्था होनी चाहिये लेकिन फिलहाल अस्पताल में मात्र एक एम्बुलेंस उपलब्ध है.