रूस पर पश्चिमी प्रतिबंधों के बाद वैश्विक आपूर्ति बाधित होने के बीच मध्य पूर्व के बेंचमार्क में मजबूत लाभ पर नज़र रखते हुए शीर्ष तेल निर्यातक सऊदी अरब मई में एशिया के लिए कच्चे तेल की कीमतों को नई ऊंचाई तक बढ़ा सकता है.
रॉयटर्स के अनुसार, उसके सर्वेक्षण से पता चला है कि मई में प्रमुख अरब लाइट क्रूड का आधिकारिक बिक्री मूल्य (ओएसपी) औसतन 5 डॉलर प्रति बैरल की वृद्धि के साथ ओमान/दुबई से लगभग 10 डॉलर प्रति बैरल ज्यादा तक पहुंच सकता है, जो इस ग्रेड का अब तक का उच्चतम प्रीमियम है.
रूस के रिफाइनिंग उत्पादन और डीजल निर्यात में कटौती के कारण, मध्यम डिस्टिलेट के लिए रिफाइनर का मार्जिन भी इस महीने सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया. हालांकि, सुस्त व्यापार में स्पॉट प्रीमियम पिछले सप्ताह के शिखर से आधा हो गया है, जिससे कुछ खरीदारों ने सऊदी तेल की कीमतों में छोटी बढ़ोतरी का आह्वान किया है.
इस बीच रूस ने मौजूदा अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतों के मुकाबले 35 डॉलर प्रति बैरल के डिस्काउंट पर कच्चा तेल बेचने का ऑफर दिया है. रूस के इस ऑफर पर मोदी सरकार गंभीरता से विचार कर रही है. रूस ने भारत को कच्चे तेल बेचने के दौरान शिपिंग और बीमा खर्च की भी जिम्मेदारी खुद लेने का ऑफर दिया है.मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय बाजार के रेट के मुकाबले रूस भारत को सस्ते दामों के साथ 35 डॉलर प्रति डिस्काउंट पर कच्चा तेल बेचने को तैयार है. जाहिर है इसका बड़ा फायदा भारत के उपभोक्ताओं को मिलेगा जो हर रोज पेट्रोल डीजल के बढ़ते दामों में परेशान है