News Times 7
इतिहास

बुशरा मतीन: कर्नाटक में इंजीनियरिंग की वह हिजाबी छात्रा जिसने 16 मेडल जीतकर बनाया नया कीर्तिमान

भारत में भी मुस्लिम लड़कियों की पढ़ाई को लेकर कई तरह की बहस छिड़ी रहती है कि ऐसा क्या कि वे शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़ रही हैं। हालांकि इस्लाम के पैगाम में शिक्षा को लेकर बताया गया है कि आदमी और औरत सभी को शिक्षा हासिल करने का हक है। इसी बीच यहां बताने जा रहे हैं कि कर्नाटक में एक मुस्लिम लड़की बुशरा मतीन ने राज्य यूनिवर्सिटी में शैक्षिक उत्कृष्ठता में 16 गोल्ड मैडल जीत कर एक अनूठा रिकार्ड कायम किया है। मतीन आईएएस की परीक्षा की तैयारी में जुटी हैं और उनका मकसद अब  यूपीएससी परीक्षा को पास करना है। यूनिवर्सिटी चांसलर ने बताया है कि बुशरा मतीन की वजह से आज हम गर्व महसूस कर रहे हैं। उन्होंने न सिर्फ अपना और अपने माता-पिता का नाम रोशन किया है। मतीना ने यूनिवर्सिटी का नाम भी देश भर में रोशन किया है। उन्हें यूनिवर्सिटी के वार्षिक कार्यक्रम में कई शैक्षणिक क्षेत्रों में उपलब्धि हासिल करने के लिए सम्मानित किया जाएगा।

पहले था 13 गोल्ड मैडल का रिकार्ड
16 गोल्ड मैडल जीतने वाली छात्रा बुशरा मतीन कर्नाटक के रायचूर की रहने वाली हैं और वो इस समय  विश्वेश्वरैया टेक्निकल यूनिवर्सिटी (वीटूयू) के ऐस एल एन कॉलेज की बीए सिविल डिपार्टमेंट  की छात्रा हैं। उन्हें 10 मार्च को विश्वेश्वरैया टेक्निकल यूनिवर्सिटी वार्षिक कार्यक्रम में गोल्ड मेडल से नवाजा जाएगा। यूनिवर्सिटी के चांसलर प्रोफेसर सिदिप्पा ने बताया है कि यूनिवर्सिटी में बुशरा मतीन ने जिस मुकाम को हासिल किया है, उसे आज तक किसी ने हासिल नहीं किया है। अभी तक यूनिवर्सिटी में 13 गोल्ड मैडल हासिल करने का रिकार्ड था, लेकिन बुशरा मतीन ने अपनी मेहनत से इस रिकार्ड को तोड़ दिया है और उन्होंने 16 गोल्ड मैडल जीते हैं। उन्होंने एक नया रिकार्ड कायम किया है।

मकसद बड़ा हो तो परेशानी छोटी हो जाती है
बुशरा मतीन की इस कामयाबी श्रेय अपने माता-पिता को देती हैं। उनके पिता शेख जहीर उद्दीन और माता शबाना प्रवीन से बात की गई तो उन्होंने कहा कि हम अल्हा का शुक्र अदा करते हैं, कि उन्होंने हमारी बेटी को कामयाबी और सम्मान दिया है। वह बताते हैं कि बुशरा पहली कक्षा से ही पढ़ने में बहुत तेज थीं। हर समय वह अपनी पढ़ाई पर ध्यान देती आई हैं। वह कहते हैं कि आज उसी का नतीजा है कि बेटी इस मुकाम पर पहुंची है। बुशरा मतीन का कहना है कि पहली कक्षा से ही अच्छे अंक लेकर कामयाब होती चली आ रही हैं। वह कहती हैं कि जब आपका मकसद बड़ा हो तो उस के सामने हर परेशानी छोटी हो जाती है। हर समस्या का हल मौजूद है और हमें कभी भी अपने मकसद को छोटा नहीं होने देना चाहिए। कामयाबी उनके ही कदम चूमती है जिनके अंदर हौसला होता है।

Advertisement
Advertisement

Related posts

जानिये क्या है वीर बाल दिवस, क्यों मनाया जा रहा है? जानें इतिहास और महत्व

News Times 7

एक दिन की मुख्यमंत्री उत्तराखंड की सृष्टि गोस्वामी को बनाया गया

News Times 7

इंदिरा की हत्या और सरदार का जन्म आज ही हुआ था ये इतिहास ऐतिहासिक हो गया था

News Times 7

Leave a Comment

टॉप न्यूज़
ब्रेकिंग न्यूज़