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श्री राम जन्मभूमि तीर्थ का बड़ा ऐलान! मकर संक्रांति के बाद रखी जाएगी राम मंदिर की बुनियाद…

करोड़ों राम भक्तों का सालों का इंतजार जल्द ही खत्म होने जा रहा है।खबर है कि इस साल के पहले महीने से राम मंदिर को बनाने का काम शुरू हो जाएगा। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के खजांची स्वामी गोविंद देव गिरि जी महाराज ने बताया कि अयोध्या (Ayodhya) में राम मंदिर (Ram Mandir) की बुनियाद पर काम इस महीने शुरू होगा और मंदिर परिसर का निर्माण करीब साढ़े तीन वर्षों में पूरा होने की उम्मीद है।Larsen And Tourbo Company Will Build Ram Mandir - राम मंदिर बनवाएगी ये  दिग्गज कंपनी, नाम पर सहमति, तराशे गए पत्थरों से होगा निर्माण | Patrika News

उन्होंने कहा, ‘बुनियाद किस तरह से बने, उस पर हाल में निर्णय किया गया है। खुदाई शुरू हो गई है लेकिन वास्तविक बुनियाद निर्माण अभी शुरू नहीं हुआ है। यह इसी जनवरी में शुरू होगा।’ उनसे पूछा गया था कि क्या औपचारिक रूप से मंदिर का निर्माण शुरू हो गया है और अगर नहीं तो यह कब शुरू होगा। परियोजना की पूरी लागत के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि उनका ‘अनुमान’ है कि परिसर के अंदर मुख्य मंदिर के निर्माण में 300 से 400 करोड़ रुपये की लागत आनी चाहिए।

महाराज ने कहा कि पूरी लागत 1100 करोड़ रुपये से अधिक हो सकती है जिसमें मुख्य मंदिर पर 300 से 400 करोड़ रुपये और परिसर के अंदर 67 एकड़ के विकास का खर्च भी शामिल है। उन्होंने कहा कि मंदिर का निर्माण तीन से साढ़े तीन वर्ष के अंदर पूरा होने की उम्मीद है। गिरि जी महाराज ने कहा कि सौ करोड़ रुपये से अधिक का चंदा इकट्ठा हो गया है। यह पूछने पर कि क्या मंदिर निर्माण के लिए विदेशों से भी चंदा स्वीकार किया जाएगा तो उन्होंने कहा कि वर्तमान में उन्हें इसकी अनुमति नहीं है क्योंकि एफसीआरए (विदेशी चंदा विनियमन कानून) की सुविधा नहीं है।अयोध्या में पीएम के भूमि पूजन से पहले कोरोना संकट, राम जन्मभूमि के पुजारी  के साथ 16 पुलिसकर्मी संक्रमित

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उन्होंने कहा कि दो महीने में एफसीआरए सुविधा मिलने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि सभी से चंदा मिल रहा है इसलिए मंदिर पूरे देश का है। श्री राम जन्मभूमि मंदिर निधि समर्पण अभियान के तेलंगाना के समन्वयक बी. रमेश ने कहा कि चंदा जुटाने के अभियान के तहत वे राज्य में तीन करोड़ हिंदू परिवारों से संपर्क करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम जन्मभूमि में पांच अगस्त को भूमि पूजन और शिला पूजन किया था।

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र के महासचिव और विहिप के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय ने शुक्रवार को वाराणसी के इंग्लिशिया लाइन स्थित विहिप कार्यालय में प्रेसवार्ता के दौरान रामलला के मंदिर का निर्माण को लेकर एक अहम घोषणा की है। चंपत राय ने कहा कि मकर संक्रांति को रामलला के मंदिर का निर्माण शुरू हो जाएगा। उन्होंने बताया कि दिसंबर 2023 तक मंदिर का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा। विहिप नेता चंपत राय ने आगे जानकारी देते हुए कहा कि नींव की मजबूती पर मंथन किया जा रहा है। इसमें आईआईटी मुंबई, गुवाहाटी, चेन्नई, रुड़की, एनआईटी सूरत, टाटा और एल एंड टी के विशेषज्ञ शामिल हैं।Date Of Bhoomi Pujan For Construction Of Ram Temple Will Be Fixed In D -  राम मंदिर निर्माण से पहले होगा भूमि पूजन, अयोध्या में साफ सफाई का कार्य  शुरू | Patrika News

दरअसल राम मंदिर की सुरक्षा को कई पहलुओं से देखा जा रहा है। जहां भगवान राम का गर्भगृह बनना है उसके नीचे की भूमि भुरभूरी बलुई मिट्टी वाली है। इसको ध्यान में रखते हुए पत्थर, कंक्रीट और तांबे का ही इस्तेमाल किया जाएगा। इसके साथ ही पांच एकड़ में मंदिर का परकोटा होगा और बाकी क्षेत्र में भी निर्माण का खाका तैयार किया जा चुका है।

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मंदिर निर्माण के लिए धनसंग्रह अभियान चलाया जाएगा। मकर संक्रांति से माघी पूर्णिमा तक चलने वाला धन संग्रह कार्यक्रम विश्व का सबसे बड़ा सामाजिक एवं सांस्कृतिक अभियान होगा। जिसमें 11 करोड़ घरों से संपर्क करने का लक्ष्य रखा गया है।

बता दें कि राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट ने 15 जनवरी से चंदा जुटाने का निर्णय लिया है। मंदिर ट्रस्ट का कहना है कि वह मंदिर के लिए विदेशी पैसे का इस्तेमाल नहीं करेंग। बल्कि आम जनता द्वारा दिया गए पैसे के जरिए वह मंदिर निर्माण कराएंगे। ट्रस्ट कूपन के जरिए चंदा इकट्ठा करेगा। ट्रस्ट 10 रुपए, 100 रुपए और 1000 रुपए के कूपन जारी करेगा।

ट्रस्ट 10 रुपए के 4 करोड कूपन जारी करेगा। वहीं 100 रुपए के 8 करोड़ कूपन जारी किए जाएंगे और 1000 रुपए के 12 लाख कूपन जारी किए जाएंगे। इन कूपन के माध्यम से प्राप्त पैसों के जरिए ही मंदिर का निर्माण किया जाएगा। मंदिर ट्रस्ट का कहना है कि उनके पास एफसीआरए की सुविधा मौजूद नहीं है। इस वजह से वह विदेश से मंदिर के लिए पैसा नहीं लेंगे। ट्रस्ट की तरफ से यह बात स्वयं चंपत राय ने बोली है।

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बता दें गृह मंत्रालय के नियमों के मुताबिक किसी ट्रस्ट को विदेशी चंदा प्राप्त करने के लिए 3 साल का ओडिट करना अनिवार्य होता है। ट्रस्ट की तरफ से चंपत राय ने कहा है कि वह गृह मंत्रालय से इस नियम में छूट के लिए आवेदन कर सकते हैं। मगर ट्रस्ट इस विकल्प का इस्तेमाल नहीं करेगा। वह कहते हैं कि अगर विदेशी भक्तों को पैसा देना है तो वह स्टेट बैंक के खाते से दे सकते हैं। चंपत राय का कहना है कि वह मंदिर जनता के पैसे से बनाएंगे ताकि जनता कह सके कि यह मंदिर हमारे सहयोग से बन रहा है। इसके अलावा चंपत राय ने मंदिर निर्माण के सीएसआर (CSR) के माध्यम से आने वाले पैसे के लिए भी कहा है कि वह इस पैसे को मंदिर निर्माण की जगह पुस्तकालय और अन्य चीजों में लगाएंगे।

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