किसानों आँदोलन में किसानों के अड़ियल रुख को देख कर सरकार भी सख्त बनी हुई है, केंद्र सरकार किसान संगठनों के अड़ियल रुख को देखकर उनसे बातचीत की पहल नहीं करेगी। प्रधानमंत्री की चिंता में देश के किसान हैं और हम उनके लिए जो बन पड़ेगा, वह सब कुछ करेंगे। प्राप्त जानकारी के अनुसार जल्द ही केंद्र सरकार किसानों के हित में एक बड़ा फैसला कर सकती है। इसकी तैयारी बड़े जोर-शोर से चल रही है। सूत्र का कहना है कि कृषि मंत्रालय इसके बाबत काम कर रहा है। हालांकि उन्होंने इसके आगे का कोई भी खुलासा करने से इनकार कर दिया।
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इस जानकारी को पुख्ता करने के लिए कृषि मंत्रालय के कई अधिकारियों से संपर्क करने पर पता चला कि सरकार किसानों की आय बढ़ाने, उनके खर्चे को कम करने के अन्य स्रोतों पर काम कर रही है। इसमें एक सबसे प्रमुख स्रोत प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि है। इससे अब तक 12.4 करोड़ से अधिक किसान जुड़ चुके हैं। इसकी नौंवी किस्त जा चुकी है और मंत्रालय के सूत्र बताते हैं कि 10 करोड़ से अधिक किसानों के खाते में 2,000 रुपये के हिसाब से जा चुके हैं। सरकार इसके दायरे और राशि की सीमा बढ़ाने के विकल्पों पर विचार कर रही है।
किसान संगठनों को अपनी बात कहने का अधिकार
यह कोई अधिकारिक बयान नहीं है, लेकिन केंद्र सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि किसान संगठनों को अपना काम करने दीजिए। लोकतंत्र में सभी को अपनी बात रखने का अधिकार है। हमारा ध्यान कृषि क्षेत्र में सुधार और किसानों की वास्तविक स्थिति पर है। सरकार इसको लेकर संवेदनशील है। उत्तर प्रदेश से आने वाले भाजपा सांसद का कहना है कि किसान तो सरकार के साथ हैं। प्रधानमंत्री की लोकप्रियता बनी हुई है। उत्तर प्रदेश की जनता मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार के साथ खड़ी है। हमें तो मध्य और पूर्वी उत्तर प्रदेश में कहीं भी खेत, खलिहान में विरोध दिखाई नहीं देता। इस बारे में केंद्रीय मंत्री का कहना है कि सरकार का काम कुछ लोगों के दबाव के आगे झुकना नहीं है। मोदी सरकार एक जन कल्याणकारी सरकार है। हम इसी को केंद्र में रखकर आगे बढ़ रहे हैं।