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शाह की शरण में असम और मिजोरम के मुख्यमंत्री ,संवेदनशील इलाकों में सीआरपीएफ तैनात करने की गुहार

असम और मिजोरम सीमा विवाद को लेकर हिंसक झड़प का आरोप दो राज्यों असम व मिजोरम के मुख्यमंत्री एक-दूसरे पर लगा रहे हैं। असम पुलिस के छह जवानों की मौत के बाद दोनों राज्यों की पुलिस एक-दूसरे के खिलाफ खड़ी हो गई है। वहीं असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा और मिजोरम के मुख्यमंत्री ज़ोरामथांगा भी सोशल मीडिया पर एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। इस बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय भी एक्शन में आया है और मामले को सुलझाने के लिए संवेदनशील इलाके में सीआरपीएफ की चार टीमों को तैनात कर दिया गया है।गृहमंत्री शाह ने असम-मिजोरम के मुख्यमंत्रियों से मुलाकात की, कहा -  शांतिपूर्ण ढ़ंग से सुलझाए विवाद

जानकारी के मुताबिक, केंद्रीय गृहमंत्रालय ने मामले को सुलझाने के लिए विशेष टीम गठित की है। हालात अभी नियंत्रण में हैं। वहीं दोनों राज्यों को शीर्ष अधिकारी लगातार एक-दूसरे के संपर्क में हैं। खुफिया विभाग के कई अधिकारियों ने भी सीमा पर पहुंचकर हालात का जायजा लिया है। इसके अलावा संवेदनशील इलाकों में सीरआरपीएफ की चार टीमों को तैनात कर दिया गया है। साथ ही 6 टीमों को तैयार रहने को कहा गया है।

Assam-Mizoram Border Tensions: असम-मिज़ोरम सीमा पर हिंसक झड़प में कई घायल,  केंद्र ने बुलाई बैठक - YouTube
इससे पहले दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री सोशल मीडिया पर गुहार लगाते हुए नजर आए थे जबकि घटना के एक दिन पहले ही केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शिलांग में आयोजित एक बैठक में सात राज्यों के मुख्यमंत्रियों से मुलाकात की थी। हिमंत बिस्व सरमा: 'पूर्वोत्तर के अमित शाह' क्या असम के मुख्यमंत्री बन  पाएँगे? - BBC News हिंदी

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मृतक पुलिसकर्मियों को मुख्यमंत्री ने दी श्रद्धांजलि
बता दें कि सोमवार (26 जुलाई) को असम के कछार जिले में हिंसा भड़की जिसमें असम पुलिस के 5 जवानों की मौत हो गई। इस घटना में कई पुलिसकर्मी घायल होने की खबर है। असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने मृतक पुलिसकर्मियों को सिलचर जाकर श्रद्धांजलि दी व घायलों पुलिसकर्मियों से मुलाकात भी की। असम, मिजोरम ने सीमा विवाद में शाह से की हस्तक्षेप की अपील

असम के मुख्यमंत्री सरमा ने एक ट्वीट में कहा, “मुझे जानकारी देते हुए बहुत ही दु:ख हो रहा है कि असम पुलिस के 6 बहादुर जवानों ने असम-मिजोरम सीमा पर राज्य की संवैधानिक सीमा की रक्षा करते हुए अपनी जान की कुर्बानी दे दी है। शोकाकुल परिवारों के साथ सांत्वनाएं हैं।” मुख्यमंत्री सरमा ने मृतक जवानों की संख्या 6 बताई है जबकि अबतक 5 जवानों की मौत की ही पुष्टि की गई है। असम मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा Archives - OUR RECHARGE

वहीं दूसरी ओर मिज़ोरम के मुख्यमंत्री ज़ोरामथांगा ने भी सोमवार को एक वीडियो पोस्ट किया। इस वीडियो में भीड़ असम-मिज़ोरम सीमा पर पुलिसकर्मियों से झड़प करती हुई नजर आ रही है। मुख्यमंत्री ज़ोरामथंगा ने अपने पोस्ट में लिखा, “श्री अमित शाह जी, कृपया मामले को देखें। इसे तत्काल रोके जाने की जरूरत है।” जोरामथंगा ने एक और वीडियो पोस्ट किया जिसमें लिखा, “कछार के जरिए मिज़ोरम लौट रहे मासूम लोगों के साथ गुंडों ने हाथापाई की। आप इन हिंसक कृत्यों को कैसे जायज ठहराएंगे?”असम-मिज़ोरम की पुलिस आपस में क्यों भिड़ गई, विवाद की पूरी कहानी - BBC News  हिंदी

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असम के मुख्यमंत्री सरमा ने केंद्रीय गृहमंत्री को संबोधित करते हुए ट्वीट किया, “माननीय ज़ोरामथंगा जी हमें हमारी चौकियों से हटने के लिए कह रहे हैं, उनके लोग ना ही सुनेंगे और ना ही हिंसा को रोकेंगे। ऐसे हालात में हम कैसे सरकार चला सकते हैं? उम्मीद है आप जल्दी ही इस पर हस्तक्षेप करेंगे।” मिज़ोरम के मुख्यमंत्री ज़ोरामथांगा ने असम पुलिस पर घुसपैठ का आरोप लगाया है। Dispute On The Border Of Assam And Mizoram, CM Sarma's Allegation - Six  Police Personnel Died Due To Firing

इस बीच कांग्रेस ने सीमा पर विवाद पर हुई हिंसक झड़प के मामले में सात सदस्यीय कमेटी बना दी है। कमेटी मामले की रिपोर्ट पार्टी की अतंरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को सौंपेंगी। कमेटी में सांसद गौरव गोगोई को भी शामिल किया गया है।
क्या है राज्यों की सीमा का विवाद
मिज़ोरम साल 1972 में असम से अलग होकर एक केंद्र शासित प्रदेश के रूप में बना था और 1987 तक यह पूर्ण राज्य बन गया था। दोनों राज्यों ने अतीत में 164.6 किलोमीटर लंबी इस अंतर-राज्यीय सीमा पर लड़ाई की है, जिससे कभी-कभी हिंसक झड़पे होती हैं। मिजोरम पक्ष के मुताबिक, असम के लोगों ने यथास्थिति का उल्लंघन किया है- जैसा कि कुछ साल पहले दो राज्य सरकारों के बीच सहमति हुई थी। असम-मिजोरम तनाव: 6 पुलिसकर्मियों की मौत, पत्थरबाजी और लाठीचार्ज; जानें क्या  है विवाद– News18 Hindi

कोलासिब के उपायुक्त एच. लालथंगलियाना के मुताबिक असम के लैलापुर के लोगों ने यथास्थिति को तोड़ा है और कथित तौर पर कुछ अस्थायी झोपड़ियों का निर्माण किया है। मिजोरम के अधिकारियों के मुताबिक असम द्वारा दावा की गई जमीन पर मिजोरम के निवासियों द्वारा लंबे समय से खेती की जा रही है। असम-मिज़ोरम की पुलिस आपस में क्यों भिड़ गई, विवाद की पूरी कहानी - BBC News  हिंदी

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मिजोरम के दावा के मुताबिक यह जमीन उनकी है, 1875 की एक अधिसूचना पर आधारित है, जो 1873 के बंगाल ईस्टर्न फ्रंटियर रेगुलेशन एक्ट से आई थी। इस एक्ट के अनुसार ब्रिटिशों ने उनके क्षेत्र में बाहरी लोगों के प्रवेश को प्रतिबंधित करने औ उन्हें नियंत्रित करने के नियम बनाए। अन्य राज्यों से आने वाले भारतीय नागरिकों के लिए इनर लाइन परमिट की व्यवस्था थी। असम-मिजोरम सीमा पर फिर भड़की हिंसा, असम पुलिस के छह जवानों की मौत |  न्यूजबाइट्स

वहीं असम पक्ष राज्य सरकार द्वारा 1933 की एक अधिसूचना का हवाला देते यह जमीन अपनी मानता है। इस अधिसूचना में लुशाई हिल्स का सीमांकन किया गया था। औपनिवेशिक काल में मिजोरम को असम के एक जिले लुशाई हिल्स के नाम से जाना जाता था। Home minister Amit Shah stepped in to restore calm after tensions erupted  at the Assam Mizoram borderसीमा विवाद को लेकर जब ट्विटर पर भिड़े असम व  मिजोरम के सीएम, शाह ने ऐसे

1904 में लुशाई हिल्स का विलय किया गया और सीमा रेखा खींची गई। इसके बाद असम सरकार के तहत बाद के संशोधनों के बाद कछार और मिज़ोरम  के बीच सीमा 1933 की सरकारी अधिसूचना के अनुसार बनाई गई, जिस पर अभी की असम सरकार कायम  है। Reports Of Firing At Assam-Mizoram Border; Chief Ministers Trade Charges -  मिजोरम के साथ लगी सीमा पर गोलीबारी में असम के 6 पुलिसकर्मियों की मौत :  मुख्यमंत्री | India News In Hindi

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वहीं मिज़ोरम पक्ष के नेताओं का मानना है कि सीमांकन को लेकर 1933 की अधिसूचना के लिए मिजो समाज से परामर्श नहीं लिया गया था। मिजोरम की सरकार मानना है कि सीमा का सीमांकन किया जाना चाहिए जैसा कि 1875 की अधिसूचना में कहा गया है, असम का पक्ष है कि 1933 के सीमांकन का पालन किया जाना चाहिए। असम और मिज़ोरम के मुख्यमंत्रीयों के बीच ट्वीट वॉर के बाद गृहमंत्री ने किया  हस्तक्षेप – Navyug Sandesh

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