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त्रिपुरा नए मुख्यमंत्री के रूप में माणिक साहा ने ली शपथ

त्रिपुरा में राज्यपाल सत्यदेव नारायण राय की उपस्थिति में नए मुख्यमंत्री के तौर पर माणिक साहा ने रविवार को शपथ ले ली। उन्हें राजभवन में राज्यपाल सत्यदेव नारायण राय ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इसी के साथ राज्य में करीब साढ़े तीन साल तक चले बिप्लब कुमार देब के शासन का अंत हो गया। पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब समारोह में भाजपा के विधायकों और राज्य के अन्य मंत्रियों के साथ उपस्थित थे।

Tripura New CM: माणिक साहा ने ली त्रिपुरा के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ,  - Khabar Chhattisii Media

विरोध करने वाले नेता भी शपथग्रहण में पहुंचे
देब के शनिवार शाम अचानक इस्तीफे के बाद साहा शीर्ष पद पर पहुंचे हैं। शपथ ग्रहण समारोह में केंद्रीय मंत्री प्रतिमा भौमिक भी शामिल हुईं। उपमुख्यमंत्री जिष्णु देव वर्मा और मंत्री राम प्रसाद पॉल ने शनिवार को भाजपा विधायक दल की बैठक के दौरान मुख्यमंत्री के रूप में साहा की नियुक्ति का विरोध किया था। दोनों शपथ ग्रहण समारोह समाप्त होने के कुछ समय बाद राजभवन पहुंचे। विपक्षी दल मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के विधायकों ने राज्य में भाजपा के शासन में ‘फासीवादी शैली में हिंसा’ होने का आरोप लगाते हुए समारोह का बहिष्कार किया।

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त्रिपुरा: माणिक साहा ने ली मुख्यमंत्री पद की शपथ, कल चुने गए थे विधायक दल  के नेता - manik saha took oath as chief minister

क्या है भाजपा की नीति?
माना जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने त्रिपुरा में परोक्ष तौर पर सत्ता विरोधी लहर से पार पाने और पार्टी पदाधिकारियों के बीच किसी भी तरह के असंतोष को दूर करने के एक प्रयास के तहत सीएम बदलने का यह कदम उठाया है। पार्टी ने पहले भी कई राज्यों में यह रणनीति अपनायी थी, जो कि सफल रही। उत्तराखंड में चुनाव से ठीक पहले मुख्यमंत्री बदलने का दांव सफल रहने के मद्देनजर भाजपा के शीर्ष नेताओं ने त्रिपुरा में भी इसी तरह के बदलाव का विकल्प चुना, जहां अगले साल की शुरुआत में चुनाव होने हैं।
त्रिपुरा: माणिक साहा ने ली मुख्यमंत्री पद की शपथ, कल चुने गए थे विधायक दल  के नेता - manik saha took oath as chief minister
भाजपा ने 2019 के बाद से गुजरात और कर्नाटक सहित पांच मुख्यमंत्रियों को बदला है। साहा पूर्वोत्तर से कांग्रेस के ऐसे चौथे पूर्व नेता हैं जो भाजपा में शामिल होने के बाद क्षेत्र में मुख्यमंत्री बनेंगे। यह इसका स्पष्ट संकेत है कि किसी भी नेता का चुनाव-संबंधी मूल्य पार्टी के लिए सर्वोपरि है।क्या कांटों भरा ताज पहन रहे माणिक साहा? त्रिपुरा चुनाव 2023 तक भाजपा के  कुनबे को साथ रखने की कठिन चुनौती - manik saha tripura cm tough task bjp  unite till tripura

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