दलबदल कानून पर सुप्रीम कोर्ट ने आज जो मोहर लगाई वह सच में काबिले तारीफ है ,दरअसल दल बदल कानून पर सुप्रीम कोर्ट ने अपने हलफनामे में कहा है कि कोई भी नेता दल बदल कानून के अंतर्गत अगर अयोग्य पाया गया तो उसके विधानसभा में बचे हुए कार्यकाल तक वह मंत्री नहीं बन सकता भले ही वह विधानसभा का सदस्य के तौर पर नामित हो,
सुप्रीम कोर्ट ने बृहस्पतिवार को कहा, अगर विधानसभा का कोई सदस्य दल-बदल कानून के तहत अयोग्य पाया गया तो उसे विधानसभा के बाकी बचे कार्यकाल तक मंत्री नहीं बनाया जा सकता है। भले ही वह विधान परिषद के सदस्य के तौर पर नामित किया गया हो।
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक हाईकोर्ट के उस फैसले को बरकरार रखा जिसमें दलबदल विरोधी कानून के तहत भाजपा विधायक एएच विश्वनाथ की अयोग्यता मई 2021 तक जारी रहने की बात कही गई है।
इसी के साथ मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे और जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस वी रामसुब्रमण्यम की पीठ ने हाईकोर्ट के पिछले साल के आदेश के खिलाफ की याचिका खारिज कर दी। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के साथ ही राज्य की बीएस येदियुरप्पा सरकार में मंत्री बनने की उनकी उम्मीदें खत्म हो गईं।