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गिरती अर्थव्यवस्था व्हाट्सएप चैट लीक प्रकरण और चीन से जारी सीमा विवाद के मामले पर आज संसद में सरकार को घेरने की 16 दलों की तैयारी

किसान आंदोलन के बीच जारी जंग में आज शुक्रवार से संसद का बजट सत्र शुरू हो रहा है सत्र शुरू होते ही कोई शक नहीं कि सरकार पर विपक्ष की ओर से करारा प्रहार करने की तैयारी नहीं हो दरअसल कांग्रेस टीएमसी आप बसपा सपा सहित 16 दलों की तैयारी आज केंद्र सरकार पर कड़ा प्रहार करने की है गिरती अर्थव्यवस्था अर्णव गोस्वामी के व्हाट्सएप चैट लीक प्रकरण चीन से जारी सीमा विवाद के मामले पर सरकार को घेरने की रणनीति पर विचार विमर्श करने के बाद आज विपक्ष केंद्र सरकार के हर बहस पर करारा प्रहार करेगा,आज से शुरू होने जा रहे बजट सत्र में हंगामें के आसार, विपक्षी दलों ने सरकार को घेरने की बनाई रणनीति - Taaza Khoj

सत्र शुरू होने से पहले ही केंद्र सरकार और विपक्ष के बीच जोर आजमाइश की जमीन तैयार हो गई है। कांग्रेस समेत 16 विपक्षी दलों ने तीन नए कृषि कानूनों के विरोध और किसान आंदोलन के समर्थन में सत्र के पहले दिन होने वाले राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करने की घोषणा की है। इसके अलावा विपक्ष ने गिरती अर्थव्यवस्था, व्हाट्सएप चैट लीक प्रकरण और चीन से जारी सीमा विवाद मामले में सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है।

कोरोना वायरस महामारी के चलते करीब छह महीने बाद हो रहे संसद के इस सत्र के हंगामेदार रहने की संभावना है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण का बहिष्कार कर विपक्ष ने नए कृषि कानूनों पर सरकार पर एकजुट हमला बोलने की रणनीति बनाई है। विपक्ष की रणनीति अर्थव्यवस्था, चीन से सीमा विवाद और पत्रकार अर्णब गोस्वामी और बार्क के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता के बीच व्हाट्सएप चैट मामले में संसद के दोनों सदनों में कार्य स्थगन प्रस्ताव लाने की है। इसके अलावा कई विपक्षी दल एक साथ तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की भी मांग करेंगे।यहां बदले जाएंगे फटे, पुराने और रंगे नोट, जानें क्या है प्रक्रिया-if notes had these thing than it not be in legal tender

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इन मुद्दों पर सरकार भी हमलावर रुख अपनाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को सर्वदलीय बैठक कर विपक्ष को सभी मुद्दों पर चर्चा कराने का आश्वासन देंगे। इसी दिन एनडीए की बैठक में विपक्ष के हमले पर पलटवार की रणनीति बनेगी। सत्र के दौरान सरकार आम बजट पेश होने के बाद कृषि कानूनों, सीमा विवाद और अर्थव्यवस्था की स्थिति पर चर्चा कराने का प्रस्ताव भी देगी। विपक्ष पर कृषि कानून मामले में किसानों को भड़काने का आरोप लगाएगी जबकि कोरोना मामले में वैक्सीन निर्माण और अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार आने का हवाला देगी।

हर मुद्दे का जवाब तैयार कर रही सरकार
सरकार व्हाट्सएप चैट लीक मामले को छोड़ कर सभी मुद्दों पर विपक्ष के समक्ष चर्चा का प्रस्ताव रखेगी। सरकार की ओर से किसान आंदोलन, चीन से सीमा विवाद और अर्थव्यवस्था के सवाल पर विपक्षी हमले का जवाब तैयार कराया जा रहा है। सत्र के दौरान सरकार कोरोना वैक्सीन के निर्माण के मामले में अपनी पीठ थपथपाएगी। संभवत: प्रधानमंत्री खुद इस संदर्भ में सरकार का पक्ष रखेंगे।

बीते साल की तरह ही इस बार भी एक फरवरी को आम बजट पेश होगा। इससे पहले सरकार आर्थिक सर्वेक्षण जारी करेगी। बजट सत्र का पहला हिस्सा 29 जनवरी से 15 फरवरी तक तो दूसरा हिस्सा 8 मार्च से 8 अप्रैल के बीच होगा।Diplomatic activation of PM Modi at Group 20 meeting

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कांग्रेस, एनसीपी, तृणमूल कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस, डीएमके, शिवसेना, सपा, राजद, भाकपा, माकपा, आरएसपी, आईयूएमएल, पीडीपी, एमडीएमके, केरल कांग्रेस, एआईयूडीएफ, आम आदमी पार्टी और एमडीएमके अभिभाषण का बहिष्कार करेंगे। कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने बताया कि हमने आंदोलन कर रहे किसानों के प्रति एकजुटता दिखाई है और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के बहिष्कार करने का फैसला लिया है। विपक्षी दलों के नेताओं ने किसानों के 64 दिनों से चल रहे आंदोलन पर चिंता जताई। 26 जनवरी को दिल्ली की सड़कों, खासकर लाल किला पर उपद्रवियों को रोकने में विफल दिल्ली पुलिस और खुफिया तंत्र के फेल होने पर केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि देश की 60 प्रतिशत आबादी कृषि से जुड़ी है। इन दलों ने कृषि कानूनों को किसान-मजदूर विरोधी बताते हुए इसे तत्काल वापस लेने की मांग की है।

विपक्ष का राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार का फैसला बेहद दुर्भाग्यपूर्ण, पुनर्विचार करें : जोशी
संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने विपक्ष के राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करने के फैसले को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने विपक्षी दलों से अपने इस फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की है।
उन्होंने कहा कि विपक्ष अपने मुद्दों को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान उठा सकता है। राष्ट्रपति दलगत राजनीति से ऊपर होते हैं और भाजपा ने कभी भी राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार नहीं किया।

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