जैसे-जैसे पश्चिम बंगाल के चुनाव करीब आते जा रहे हैं , वैसे वैसे सियासत तेज होते जा रहे हैं ,दांव पर दांव चलने की कवायद बढ़ती जा रही है ,उसी क्रम में जब नंदीग्राम में ममता ने अपने ही धुर विरोधी पर सगे मंत्री जो ममता से बगावत कर आज भाजपा का दामन थाम चुके हैं, शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ उनके ही विधानसभा क्षेत्र में उत्तर बगावत का सुर बुलंद किया था ,जिसके जवाब में शुभेंदु अधिकारी ने ममता को खुली चुनौती देते हुए कहा कि वह चुनाव में उन्हें (ममता बनर्जी को) हरायेंगे, वरना राजनीति छोड़ देंगे. हालांकि पूर्व तृणमूल नेता ने कहा कि उम्मीदवारों पर आखिरी निर्णय बीजेपी नेतृत्व विस्तृत चर्चा के बाद लेगा, न कि जैसे सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस में मनमाने तरीके से होता है. बनर्जी ने उससे पहले दिन में नंदीग्राम से विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान करके सभी को चौंका दिया था. इस सीट से राजनीतिक दिग्गज शुभेंदु अधिकारी जीते थे.
अधिकारी ने कहा, ‘‘ यदि मुझे मेरी पार्टी नंदीग्राम से चुनाव मैदान में उतारती है तो मैं उनको कम से कम 50000 वोटों के अंतर से हराऊंगा, अन्यथा मैं राजनीति छोड़ दूंगा.”उन्होंने कहा कि लेकिन तृणमूल कांग्रेस जहां बनर्जी और उनके भतीजे ‘तानाशाही ‘ तरीके से चलाते हैं वहीं भाजपा में उम्मीदवार चर्चा के बाद तय किये जाते हैं और मेरी उम्मीदवारी पर फैसला पार्टी को करना है. तीन किलोमीटर के रोडशो के बाद उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं से कहा, ‘ मैं नहीं जानता कि मुझे कहां से उतारा जाएगा और उतारा भी जाएगा या नहीं
उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी बस चुनाव से पहले ही नंदीग्राम को याद करती हैं एवं उन पर नंदीग्राम गोलीबारी में लिप्त रहे एक IPS अधिकारी को चार बार सेवा विस्तार देने का आरोप लगाया.” भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि बनर्जी नंदीग्राम के लोगों की भावनाओं के साथ खेल रही हैं लेकिन ‘‘इस बार यह काम नहीं करेगा और उनकी पार्टी लोकतांत्रिक ढंग से बंगाल की खाड़ी में फेंक दी जाएगी.” उन्होंने दावा किया कि ममता बनर्जी की सभा में ज्यादातर लोग बाहर से लाए गए थे.