दरअसल विधानसभा चुनाव से पहले ममता को अनेकों विधायक और सांसद सहित पार्टी के छोटे बड़े नेताओं ने झटका दिया है ,उसी क्रम में एक और सांसद के बगावती तेवर देख ममता ने एक नया दांव खेल दिया है दरअसल बीरभूम से सांसद शताब्दी रॉय को पार्टी ने पश्चिम बंगाल यूनिट का वाइस-प्रेसिडेंट बना दिया है। न्यूज एजेंसी ने रविवार को इसकी जानकारी दी। दो दिन पहले ही शताब्दी ने अपनी नाराजगी सोशल मीडिया के जरिए जताई थी, जिसके बाद से उनके भाजपा में शामिल होने की अटकलें लगाई जाने लगी थीं। हालांकि बाद में उन्होंने इससे इनकार किया था।
शताब्दी ने कहा था- कुछ लोग नहीं चाहते, मैं जनता से मिलूं
बंगाली फिल्मों में अभिनय कर चुकी शताब्दी ने सोशल मीडिया के जरिए अपने संसदीय क्षेत्र की जनता को संबोधित किया था। उन्होंने लिखा था कि मैं अपने क्षेत्र की जनता से मिलना चाहती हूं, लेकिन ऐसा नहीं कर पा रही हूं। मुझे कुछ कार्यक्रमों में बुलाया ही नहीं जाता। इससे मुझे पीड़ा होती है। मुझे लगता है कि कुछ लोग यह चाहते ही नहीं हैं कि मैं आप लोगों से मिलूं। अगर मुझे कार्यक्रमों की जानकारी ही नहीं दी जाएगी, तो मैं वहां जाऊंगी कैसे?
बाद में पार्टी छोड़ने से किया था इनकार
हालांकि शताब्दी ने शुक्रवार देर शाम साफ कर दिया था कि मेरी अभिषेक बनर्जी (ममता के भतीजे) के साथ बात हुई है। उन्होंने मेरे उठाए मुद्दों पर बात की। मैं पार्टी के साथ ही रहूंगी।
19 दिसंबर को TMC छोड़ चुके और ममता के खास रहे पूर्व मंत्री शुभेंदु अधिकारी ने भाजपा का दामन थाम लिया था। उनके साथ सांसद सुनील मंडल, पूर्व सांसद दशरथ तिर्की और 10 MLA ने भी भाजपा ज्वाइन की थी। इनमें पांच विधायक तृणमूल कांग्रेस के ही थे। इससे पहले तापसी मंडल, अशोक डिंडा, सुदीप मुखर्जी, सैकत पांजा, शीलभद्र दत्ता, दिपाली बिस्वास, शुक्र मुंडा, श्यांपदा मुखर्जी, बिस्वजीत कुंडू और बानाश्री मैती ने पिछले महीने भाजपा ज्वाइन की थी।