कोरोना संकट महामारी के दौरान लाखों लोगों को अपनी नौकरी गंवानी पड़ी. केंद्र सरकार ने अब ऐसे लोगों की मदद के लिए आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना 22810 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं. इस योजना के तहत रोजगार पाने वाले और रोजगार देने वाले, दोनों को ही सरकार सब्सिडी देगी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में इस योजना को मंजूरी दी गई. Atmanirbhar Bharat Package 3.0 के तहत केंद्र सरकार कंपनियों के नई नौकरियां पैदा करने के लिए प्रोत्साहित करेगी. फॉर्मल सेक्टर में जो कंपनियां नई नौकरियां ऑफर करेंगी उन्हें इंसेंटिव्स दिए जाएंगे. कैबिनेट ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए 1584 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं, जबकि पूरी योजना की अवधि यानि 2020-2023 के लिए 22,810 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे
कैबिनटे की बैठक के बाद श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने बताया कि इस योजना के तहत सरकार 1 अक्टूबर 2020 से लेकर 30 जून 2021 तक नई नौकरियों पर दो साल तक सब्सिडी देगी.
- जिन कंपनियों में कर्मचारियों की संख्या 1000 तक है, उन कंपनियों में नए कर्मचारियों का पूरा 24 परसेंट EPF योगदान केंद्र सरकार करेगी. यानि 12 परसेंट कर्मचारी का और 12 परसेंट कंपनी का योगदान सरकार की तरफ से दो साल तक दिया जाएगा.
- इसी तरह जिन कंपनियों में कर्मचारियों की संख्या 1000 से ज्यादा है, सरकार दो साल तक सिर्फ नए कर्मचारियों का 12 परसेंट EPF योगदान ही देगी, कंपनी को 12 परसेंट योगदान खुद देना होगा.
- ऐसे कर्मचारी जिनकी मासिक सैलरी 15,000 रुपये से कम है, और वो ऐसी कंपनी में काम करते हैं जो 1 अक्टूबर 2020 से पहले तक Employees’ Provident Fund Organisation (EPFO) में रजिस्टर्ड नहीं है, और जिनके पास UAN नंबर या EPF मेंबर अकाउंट नहीं है. वो इस योजना का लाभ उठा सकते हैं
- ऐसे लोग जो EPFO के सदस्य हैं और उनके पास UAN नंबर भी है और जिनकी सैलरी 15,000 रुपये से कम है, जिनकी नौकरी कोरोना महामारी की वजह से 1 मार्च 2020 से लेकर 30 सितंबर 2020 के दौरान चली गई. इसके बाद उन्होंने 30 सितंबर 2020 तक किसी ऐसी कंपनी में नौकरी नहीं पाई है जो EPFO से कवर है, उन्हें भी इस योजना का लाभ मिलेगा.
- इस स्कीम के तहत 50 कर्मचारी वाली कंपनी को कम से कम दो नौकरी देनी होगी. 50 से ज्यादा कर्मचारी वाली कंपनी को 5 नौकरी देनी होगी. अगले दो साल तक ये सब्सिडी मिलेगी. इस पर करीब करीब 22000 करोड़ रुपए का खर्च आएगा.
EPFO ये सब्सिडी आधार लिंक्ड अकाउंट नंबर के जरिए ऑनलाइन तरीके से ट्रांसफर करेगा. EPFO इस योजना के लिए एक सॉफ्टवेयर डेवलप करेगा साथ ही एक पारदर्शी प्रक्रिया भी अपनाएगा. इसका ध्यान रखा जाएगा कि इस योजना के तहत किसी को गलत तरीके से ज्यादा फायदा न मिल जाए.