बिहार में नए कैबिनेट के गठन के बाद सीएम नीतीश कुमार अपने तेवर में दिख रहे हैं लॉ एंड ऑर्डर की पूरी समीक्षा कर रहे हैं सबसे प्रमुख शराबबंदी कानून जो उनके लिए एक ऐतिहासिक निर्णय था उसमें वह बिल्कुल भी ढिलाई देने के मूड में नहीं है सख्त कानून बनाकर उसे गंभीरता से प्रभावी ढंग से लागू कराने को लेकर वह तीखे तेवर अधिकारियों पर भी दिखा रहे हैं! बिहार में अपने काम में कोताही बरतने वाले चार थानेदारों को एक साथ सस्पेंड कर दिया गया है. दरअसल शनिवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सत्ता संभालने के बाद पहली बार कानून व्यवस्था और शराबबंदी कानून को लेकर समीक्षात्मक बैठक की थी. इस बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को शराबबंदी कानून को प्रभावी ढंग से लागू करने और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश देने के साथ ही इस मामले में पुलिस महकमे द्वारा बढ़ती जा रही घोर लापरवाही को लेकर नाराजगी जताई थी. सीएम ने निर्देश दिया था कि शराबबंदी कानून का माखौल उड़ाने वाले अधिकारियों के खिलाफ पुलिस मुख्यालय कठोर कार्रवाई करें और इसी कड़ी में मध निषेध कानून के क्रियान्वयन और आसूचना संकलन में लापरवाही पर भी मुख्यमंत्री ने बिहार पुलिस मुख्यालय को कार्रवाई के निर्देश दिया.
मुख्यमंत्री की बैठक के दूसरे ही दिन बिहार पुलिस के मुखिया एसके सिंघल के निर्देश पर एक साथ चार थाना प्रभारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई चलाने का फैसला लिया गया है. पहली गाज राजधानी पटना के कंकड़बाग थानाध्यक्ष पर गिरी है. दरअसल पुलिस मुख्यालय के केंद्रीय टीम द्वारा कंकड़बाग थाना क्षेत्र के अशोकनगर में छापेमारी कर भारी मात्रा में शराब जब्त की गई थी. इस मामले ने यह साबित कर दिया कि कंकड़बाग थाना की पुलिस शराबबंदी कानून को लागू करने में सक्षम नहीं है, लिहाजा बिहार पुलिस मुख्यालय ने कंकड़बाग थानाध्यक्ष अजय कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई चलाने का फैसला किया.
बिहार पुलिस मुख्यालय की दूसरी केंद्रीय टीम ने गंगा ब्रिज थाना के स्थित दियारा इलाके में भारी मात्रा में चल रही शराब भट्ठियों का उद्भेदन कर इस बात को साबित किया पुलिस इस इलाके में शराब माफियाओं पर अंकुश लगाने में नाकाम रही है. लिहाजा अनुशंसा के बाद डीजीपी ने गंगा ब्रिज थाना अध्यक्ष पंकज कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए विभागीय कार्रवाई चलाने का निर्देश दिया. इसी तरह मुजफ्फरपुर जिले के अहियापुर थाना क्षेत्र में भी लापरवाही बरतने वाले अहियापुर थाना अध्यक्ष दिनेश कुमार को भी डीजीपी के निर्देश पर तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए विभागीय कार्रवाई चलाने का निर्देश दिया गया है. मुजफ्फरपुर जिले में ही मीनापुर थाना क्षेत्र क्षेत्र में विधानसभा चुनाव के दौरान शराब और पैसा बांटने का वीडियो वायरल हुआ था. लेकिन इस मामले में मीनापुर थाना अध्यक्ष अविनाश चंद्र द्वारा आरोपियों के प्रति नरम रुख अख्तियार करने और उन्हें बचाने की कोशिश के आरोप में मद्य निषेध विभाग ने तत्काल निलंबित करते हुए विभागीय कार्रवाई चलाने का निर्देश दिया.