भारत ने जम्मू-कश्मीर के नगरोटा में आतंकी हमले की साजिश को नाकाम किए जाने के बाद पाकिस्तान को एक और कड़ा संदेश दिया है. दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग के अधिकारी को तलब कर भारतीय विदेश मंत्रालय ने नाराजगी जाहिर की, और कहा कि पड़ोसी मुल्क अपनी जमीन पर आतंक को पनाह देना बंद करे.
विदेश मंत्रालय ने जारी बयान में कहा कि भारतीय सुरक्षा बलों ने जम्मू के नगरोटा में 19 नवंबर 2020 को एक बड़े आतंकी हमले के मंसूबे को नाकाम कर दिया. शुरुआती रिपोर्ट्स में पता चला है कि एनकाउंटर में मारे गए आतंकी जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े थे. भारत सरकार ने जैश के लगातार आतंकी हमलों को लेकर चिंता जाहिर की है जारी बयान में विेदेश मंत्रालय ने कहा कि अतीत में भी जैश भारत के खिलाफ हमलों को अंजाम देता रहा है. फरवरी 2019 में पुलवामा में हुए आतंकी हमले में भी जैश का हाथ था. एनकाउंटर में मारे गए आतंकियों के पास से बड़े पैमाने पर बरामद हथियार और बारूद इस बात की तस्दीक करते हैं कि आतंकी जम्मू-कश्मीर में शांति और सुरक्षा को भंग करना चाहते थे. खासकर आतंकी जम्मू-कश्मीर में होने वाली जिला विकास परिषद (डीडीसी) चुनाव को बाधित करना चाहते थे.
विदेश मंत्रालय ने बताया कि इसी सिलसिले में दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग के तलब किया गया और नगरोटा की घटना को लेकर कड़ा विरोध दर्ज कराया गया. इस दौरान पाकिस्तान से मांग की गई कि उसे अपनी सरजमीं से आतंक और आतंकी गतिविधियों को पनाह देनी की नीति को बंद कर देनी चाहिए.बता दें कि जम्मू के नगरोटा में गुरुवार को तड़के करीब पांच बजे जम्मू-श्रीनगर हाइवे पर एनकाउंटर में चार आतंकी मारे गए थे. यह एनकाउंटर तब शुरू हुआ था जब एक नाके पर ट्रक को चेकिंग के लिए रोका गया. चेकिंग के दौरान जब ड्राइवर को ट्रक से उतारा गया को फरार हो गया. शक होने पर पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों ने ट्रक की जांच शुरू की. इतने में ट्रक में सवार आतंकियों ने सुरक्षा बलों के ऊपर फायरिंग शुरू दी और जंगल की तरफ भाग निकले. जवानों ने पीछा किया और जवाबी एक्शन में चार आतंकी ढेर कर दिए गए.