राम नगरी अयोध्या में तीन दिवसीय दीपोत्सव कार्यक्रम में अब थोड़ा सा बदलाव किया गया है. सबसे पहले अयोध्या के भजन संध्या स्थल पर भारत की विश्वविख्यात राम लीलाओं का मंचन होना था लेकिन कोरोना काल को देखते हुए उच्च स्तरीय अधिकारियों ने बैठक की और बैठक के बाद ये निर्णय लिया गया है कि इस कार्यक्रम को निरस्त कर दिया जाए. इसके बाद जिलाधिकारी अयोध्या का बयान आया जिसमें उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में पड़ने वाले धार्मिक स्थलों की सजावट होगी साथ ही अब मुख्य कार्यक्रम 13 नवंबर को ही होगा, जिसमें सबसे पहले रामलला के दरबार में 11 हजार दीप जलाए जाएंगे.
सुबह के समय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने हाथों से रामलला के मंदिर में दीप जलाएंगे और वहीं से दीपोत्सव का कार्य प्रारंभ हो जाएगा. प्रमुख रूप से अयोध्या की मुख्य सड़कों पर रामायण के विभिन्न प्रसंगों पर शोभायात्रा निकलेगी जिसमें फोक डांस की 20 टीमें शामिल होंगी. 551000 दीपक राम की पैड़ी पर चलाए जाएंगे और पुष्पक विमान से राम सीता और लक्ष्मण अयोध्या पहुंचेंगे.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल आनंदी बेन पटेल राम सीता और लक्ष्मण की अगवानी करेंगे और फिर भगवान राम का राम राज्याभिषेक राम कथा पार्क में किया जाएगा. राम की पैड़ी के 24 घाटों पर 551000 दीपक जलाकर अवध विश्वविद्यालय एक बार फिर कीर्तिमान स्थापित करने का प्रयास करेगा, जिसके लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम भी अयोध्या पहुंच गई है.