एग्जिट पोल के अनुसार किसे कितनी सीट?
• महागठबंधन को 139 से 161 सीटें
• एनडीए को 69 से 91 सीटें
• लोजपा को 3 से 5 सीटें
• GDSF को 3 से 5 सीटें
• अन्य को 3 से 5 सीटें
बिहार विधानसभा चुनाव में 10 नवंबर को आने वाले नतीजो के घोषणा से पहले जो सर्वे दिख रहा है उसमे साफ इस बार बिहार की राजनीति मे महागठबंधन एनडीए पर भारी हैै, नितीश कुमार और एनडीए से नाराजगी, और महागठबंधन की घोषणाएं बिहार की इस बार की तस्वीर बदल के रख दी !एग्जिट पोल के मुताबिक, महागठबंधन बिहार में पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने जा रहा है. इंडिया टुडे-एक्सिस-माय-इंडिया के एग्जिट पोल के मुताबिक, बिहार में महागठबंधन को 139 से 161 तक सीटें मिल सकती हैं. जबकि एनडीए 100 से भी कम सीटों पर सिमट सकता है यानी नीतीश कुमार की सत्ता से विदाई होते दिख रही है.
एग्जिट पोल के अनुसार, इस बार एनडीए सिर्फ 69 से 91 सीटों के बीच में सिमट सकती है. जबकि जदयू को सबसे अधिक नुकसान होता दिख रहा है. यानी नीतीश कुमार की अगुवाई में एनडीए को चुनाव लड़ना भारी पड़ता दिख रहा है और नीतीश की सत्ता से विदाई होती दिख रही है. खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि ये उनका अंतिम विधानसभा चुनाव हो सकता है. बता दें कि बिहार में 10 नवंबर को नतीजे घोषित किए जाने हैं
बिहार चुनाव को लेकर Today’s Chanakya के सर्वे में महागठबंधन को बंपर सीटें जाती दिख रही हैं। सर्वे में तेजस्वी के नेतृत्व वाले महागठबंधन को 180 सीटें आने का अनुमान जताया गया है। एनडीए को 55 सीटें और अन्य के खाते में 8 सीटें जाती दिख रही हैं।
चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, बिहार चुनाव के तीसरे और अंतिम चरण में मतदान शनिवार को 57.58 प्रतिशत दर्ज किया गया, जो पिछले दो चरणों के मतदान प्रतिशत से अधिक था। 8 जिलों में अपडेट किए गए पोल पैनल के आंकड़ों के अनुसार, 15 जिलों में फैली 78 सीटों पर तीसरे चरण के मतदान में कुल मतदान 57.58 प्रतिशत रहा।
गौरतलब है कि इस बार बिहार में कई गठबंधन चुनावी मैदान में थे. एनडीए में जदयू ने 115 सीट, बीजेपी ने 110 सीट, वीआईपी ने 11 और HAM पार्टी ने 7 सीटों पर चुनाव लड़ा था. वहीं महागठबंधन में राजद ने 144 सीटों पर चुनाव लड़ा था. RJD के अलावा कांग्रेस 70, CPI (ML) 19, CPI 6 और CPI (M) 4 सीटों पर चुनावी मैदान में थीं.
एग्जिट पोल की मानें तो इस बार नीतीश कुमार की विदाई तय है. नीतीश पिछले करीब डेढ़ दशक से बिहार की सत्ता पर राज कर रहे हैं, सिर्फ कुछ वक्त के लिए ही उन्होंने जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बनाया था. पिछले विधानसभा चुनाव में नीतीश ने एनडीए का साथ छोड़ राजद के साथ चुनाव लड़ा और सीएम बने, लेकिन फिर एनडीए में वापस आए. इस बार एनडीए ने नीतीश की अगुवाई में चुनाव लड़ा और एग्जिट पोल की मानें तो एनडीए का सूपड़ा साफ होता दिख रहा है.