पश्चिम बंगाल मे अगले साल के चुनाव को देखते हुए लगातार भाजपा नेताओं के वहां जाने का सिलसिला जारी है,जेपी नड्डा हो प्रधानमंत्री मोदी,या अमित शाह हो ,हर कोई बस इस जुगाड़ मे है की ममता की कुर्सी वहाँ से हिलाई जाऐ,हमेशा से रक्तरंजित रही बंगाल की राजनीति मे हर रोज नये मुद्दे को बीजेपी वहॉ लाकर बंगाल मे सियासी पारा गर्म कर रही है! कल से ही बंगाल मे डेरा जमाऐ शाह हर रोज ऐसे काम कर रहे है जिससे वहां की जनता के नजर में आऐ! इस बात का भी अंदेशा हर बार रहेगा की बीजेपी के बंगाल इंट्री से वहां खुन खराबे भी होंगे
, वैसे आज गृहमंत्री अमित शाह बंगाल दौरे के दूसरे दिन शुक्रवार को कोलकाता में कहा कि पश्चिम बंगाल में तुष्टिकरण की राजनीति से यहां की महान परंपरा आहत हुई है। बंगाल पूरे देश के आध्यात्मिक और धार्मिक चेतना का केंद्र रहा है। बंगाल को यह गौरव फिर से हासिल करना चाहिए। यहां के लोगों को एकजुट होकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लीडरशिप में अपने पुराने दिनों को वापस लाना चाहिए
पश्चिम बंगाल में तुष्टिकरण की राजनीति से उसकी महान परंपरा आहत हुई है।
Advertisementबंगाल पूरे देश के आध्यात्मिक और धार्मिक चेतना का केंद्र रहा है। यह गौरव फिर से बंगाल प्राप्त करे इसके लिए मैं सभी से आह्वान करता हूँ कि आप सब एकजुट और जागरूक होकर अपने-अपने दायित्वों का निर्वहन करें। pic.twitter.com/ZwEQ5fKMtZ
— Amit Shah (@AmitShah) November 6, 2020
शाह ने गौरांग नगर में आदिवासी मतुआ समुदाय के लोगों के घर लंच किया। मतुआ कम्युनिटी के लोग पाकिस्तान से यहां आए थे। वे नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के तहत भारत की नागरिकता चाहते हैं। 2019 में उन्होंने भाजपा को वोट दिया था। इस कम्युनिटी के सांसद शांतनु ठाकुर ने CAA में देरी होने की शिकायत भी की थी। अब माना जा रहा है कि अमित शाह ने उनकी समुदाय के लोगों के साथ खाना खाकर शिकायत भी दूर कर दी और बंगाल चुनाव में CAA का मुद्दा भी ले आए।
आज दक्षिणेश्वर माँ काली मंदिर में आशीर्वाद लिया। यह समग्र भारतवर्ष की चेतना का केंद्र है और राम कृष्ण परमहंस की तपोभूमि है। स्वामी विवेकानंद की नरेंद्र से विवेकानंद की यात्रा यहीं से शुरू हुई।
Advertisementमाँ का आशीर्वाद भारत पर बना रहे। आज यहाँ से नई ऊर्जा और चेतना प्राप्त करके जा रहा हूँ। pic.twitter.com/4n3pI6fGAg
— Amit Shah (@AmitShah) November 6, 2020