पंजाब मे कुछ दिनो से रेल रोके जाने से बिजली कटौती पर ब्लैक आउट का संकट गहराने लगा है, इस से नाराज कैप्टन अमरिंदर ने केन्द्र की इस निती की वजह से धरने पर बैठने का फैसला लिया है, पंजाब की मुख्य विपक्षी पार्टी आप ने इसे सियासी ड्रामा करार देते हुए कहां कहा की कैप्टन अपनी नाकामी को छुपाने और किसानों के साथ धोखा करने के बाद इसे छुपाने के लिए धरने पर बैठे है ताकी पंजाब के किसानों की सहानुभूति मिल सके पर कैप्टन ये जान लें की इस सियासी ड्रामे को किसान समझते है
गौरतलब है कि पंजाब में तीन से चार घंटे तक बिजली की कटौती होने लगी है. वहीं खाद की भी किल्लत होने लगी है. उद्योगों में सामान का स्टॉक बढ़ने लगा है. अब इसे लेकर पंजाब सरकार ने केंद्र के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर 4 नवंबर की सुबह राजघाट पर धरना देंगे.
कैप्टन अमरिंदर अपनी सरकार के मंत्री और विधायकों के साथ धरने पर बैठेंगे. कैप्टन ने दिल्ली में बापू की समाधि राजघाट पर मंत्री-विधायकों के साथ धरने का ऐलान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की ओर से पंजाब सरकार के शिष्टमंडल को मिलने के लिए समय नहीं दिए जाने के बाद किया. कैप्टन का यह धरना केंद्र सरकार की ओर से राज्य में मालगाड़ियों का परिचालन बंद करने के विरोध में, राष्ट्रपति की ओर से पंजाब विधानसभा में केंद्रीय कृषि अधिनियम के खिलाफ पारित बिल को लेकर कैप्टन अमरिंदर सिंह और पंजाब सरकार के डेलिगेशन से मिलने से इनकार किए जाने को लेकर है.
दरअसल, भारतीय रेलवे ने पंजाब में जारी किसान आंदोलन के कारण मालगाड़ियों की आवाजाही 7 नवंबर तक के लिए बंद कर दी है. केंद्र सरकार की ओर से कहा गया है कि अगर पंजाब सरकार रेलवे ट्रैक और मालगाड़ियों की सुरक्षा सुनिश्चित करती है तभी मालगाड़ियों का परिचालन किया जाएगा. मालगाड़ियां बंद रहने से राज्य में थर्मल पावर प्लांट्स को कोयले की आपूर्ति नहीं हो पा रही है. इससे बिजली उत्पादन प्रभावित हो रहा है. प्रदेश में जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति पर भी नकारात्मक असर पड़ रहा है. पंजाब से सब्जी और अनाज की सप्लाई भी नहीं हो पा रही है.