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बिहार के सियासी रण में अब आरक्षण का दांव
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जातियों को आबादी के हिसाब से आरक्षण मिलना चाहिए.
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थारू को आरक्षण का फायदा दिलाने के लिए वो सालों से कोशिश
ज्यों-ज्यों चुनाव की सभी तारिखें अंतीम दौर मे पहुंच रही है वैसे-वैसे बडे नेताओं के सियासी दाव पेंच लोगो के उपर चल रहे है गौरतलब है बाल्मिकी जाती को बहुत पहले से ही आरक्षण के अंदर लाने की कवायद थी पर हो नही पायी थी, लेकीन फिर चुनाव के बहाने नितीश कुमार ने इन जाति पर आरक्षण का दांव चल दिया है बिहार के सियासी रण में अब आरक्षण का दांव भी आ गया है. सीएम नीतीश कुमार ने आबादी के हिसाब से आरक्षण की हिमायत की है. उनका कहना है कि उनकी हमेशा से यही राय रही है और वो इस पर कायम है कि जातियों को उनकी आबादी के हिसाब से ही आरक्षण मिलना चाहिए.
बिहार के सियासी रण में अब आरक्षण का दांव भी आ गया है. सीएम नीतीश कुमार ने आबादी के हिसाब से आरक्षण की हिमायत की है. उनका कहना है कि उनकी हमे बिहार के सियासी रण में अब आरक्षण का दांव भी आ गया है. सीएम नीतीश कुमार ने आबादी के हिसाब से आरक्षण की हिमायत की है. उनका कहना है कि उनकी हमेशा से यही राय रही है और वो इस पर कायम है कि जातियों को उनकी आबादी के हिसाब से ही आरक्षण मिलना चाहिए.
गौरतलब है कि बिहार के रण में पार्टियां वोटों के लिए जी-तोड़ कोशिश कर रही हैं. रोजगार और कानून व्यवस्था से लेकर घोटालों की जमकर चर्चा हो रही है, लेकिन अब बारी आ गई हैं नए सियासी औजारों को आजमाने की और इन सब के बीच नीतीश कुमार ने खेला है आरक्षण का दांव.
वाल्मीकिनगर में नीतीश कुमार ने कहा कि जातियों को आबादी के हिसाब से आरक्षण मिलना चाहिए. असल में वाल्मीकि नगर में थारू जाति के काफी वोट हैं और ये जाति जनजाति में शुमार करने की मांग उठा रही है. इसी का समर्थन करते हुए नीतीश ने कहा कि जनगणना हम लोगों के हाथ में नहीं है, लेकिन हम चाहेंगे कि जितनी लोगों की आबादी है, उस हिसाब से लोगों को आरक्षण मिले. इसमें हमारी कोई दो राय नहीं है.