बिहार पुलिस इन मामलों में घिरी है सवालों से – सुशांत सिंह राजपूत मामले से सुर्ख़ियों में आई
फिल्म अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के 55 दिन बाद मामले की जाँच सीबीआई से कराने के लिए बिहार सरकार ने केंद्र को सिफ़ारिश भेजी और अगले ही दिन केंद्र सरकार ने इस सिफ़ारिश को स्वीकार भी कर लिया है.
अब सवाल यह है कि क्या जाँच का ज़िम्मा सीबीआई को सौंप देने से मौत का सच सामने आ पाएगा और सुशांत के घरवालों को न्याय मिल पाएगा?
क्योंकि यह पहला मामला नहीं है, जिसमें बिहार सरकार की तरफ़ से सीबीआई जाँच की सिफ़ारिश की गई हो, केंद्र ने सिफ़ारिश स्वीकार की हो, लेकिन अब तक उन जाँचों के नतीजे शून्य ही रहे.
क़रीब सात साल पहले 18 सितंबर 2013 को बिहार सरकार ने मुज़फ़्फ़रपुर के चर्चित नवरुणा कांड की जांच सीबीआई से कराने की सिफ़ारिश की थी. लेकिन जाँच अभी भी जारी है.
सीबीआई इसके अलावा बिहार के चर्चित ब्रह्मेश्वर मुखिया हत्याकांड की जाँच भी 18 जुलाई 2013 से कर रही है, लेकिन अब तक किसी नतीजे पर नहीं पहुँच पाई है.
सिवान के पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या के मामले की जाँच भी सीबीआई 2016 से ही कर रही है. लेकिन फ़िलहाल इस मामले में अभियोजन पक्ष से गवाही ही ली जा रही है.
आख़िर इतने दिन बीत जाने के बाद भी सीबीआई इन मामलों की जाँच पूरी क्यों नहीं कर पाई?