तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट निजी हाथों में सौंपने का विरोध
बुधवार को कैबिनेट की बैठक में केंद्र सरकार ने केरल के तिरुवनंतपुरम समेत देश के तीन एयरपोर्ट्स को अडानी ग्रुप को देने का फैसला लिया. इस फैसले के खिलाफ केरल से मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खत लिखा है.
- अडानी ग्रुप को सौंपे गए हैं तिरुवनंतपुरम समेत तीन एयरपोर्ट
- केंद्र के इस फैसले को केरल सरकार ने एकतरफा करार दिया
बुधवार को कैबिनेट की बैठक में केंद्र सरकार ने केरल के तिरुवनंतपुरम समेत देश के तीन एयरपोर्ट को अडानी ग्रुप को देने का फैसला लिया. इस फैसले के खिलाफ केरल से मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है.
केरल सरकार का कहना है कि यह फैसला पीएम मोदी के साथ दिल्ली में हुई मीटिंग के विपरीत है. पी विजयन ने पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी में कहा है कि फैसले के दौरान केरल सरकार की अनदेखी की गई है. चिट्ठी में मांग की गई है कि एयरपोर्ट के संचालन और प्रबंधन को Special Purpose Vehicle (SPV) को स्थानांतरित किया जाए, जिसमें केरल सरकार प्रमुख साझेदार है.
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तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट को निजी हाथों में सौंपने के फैसले पर सवाल उठाते हुए केरल के सीएम ने कहा कि यह नागरिक विमानन मंत्रालय और भारत सरकार की ओर से 2003 में दिए गए आश्वासन के खिलाफ है.केरल के मुख्यमंत्री ने इस मामले में पीएम के दखल की मांग करते हुए कहा कि केंद्र सरकार की ओर से बुधवार को लिए गए ‘एकतरफा फैसले’ के मद्देनजर ‘पूर्ण सहयोग’ नहीं कर पाएगी. यानी राज्य सरकार सहयोग नहीं करेगी. चिट्ठी में कोच्चि और कन्नूर एयरपोर्ट का भी जिक्र है, जिनका संचालन राज्य सरकार द्वारा Special Purpose Vehicle (SPV) के अंतर्गत किया जा रहा है.
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गौरतलब है कि बुधावर को पीएम मोदी की अगुवाई में हुई कैबिनेट की बैठक में विनिवेश की राह पर आगे बढ़ते हुए सरकार ने जयपुर, गुवाहाटी और तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट को PPP मॉडल के जरिए 50 साल के लिए लीज पर देने का फैसला किया है. जिसका अब केरल सरकार विरोध रही है.