नई दिल्ली. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक बड़ा फैसला लेते हुए देश के दो राज्यों में दो को-ऑपरेटिव बैंकों को बंद करने का आदेश दिया है. केंद्रीय बैंक ने बुधवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि महाराष्ट्र और कर्नाटक में संचालित हो रहे दो को-ऑपरेटिव बैंकों के लाइसेंस निरस्त कर दिए गए हैं. आरबीआई के फैसले के बाद अब ये बैंक ग्राहकों को गुरुवार (6 जुलाई) से बैंकिंग सेवाएं नहीं दे पाएंगे.रिजर्व बैंक ने दो अलग बयानों में कहा कि उसने बुलढ़ाणा स्थित मल्कापुर अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (Malkapur Urban Co-operative Bank Ltd) और बेंगलुरु स्थित सुश्रुति सौहार्द सहकार बैंक नियमित (Shushruti Souharda Sahakara Bank Niyamita) के बैंकिंग लाइसेंस निरस्त कर दिए हैं. बयान के मुताबिक, बुधवार का कारोबार बंद होने के बाद ये दोनों को-ऑपरेटिव बैंक किसी तरह का बैंक से जुड़े कामकाज नहीं कर पाएंगे. केंद्रीय बैंक ने इन को-ऑपरेटिव बैंकों के पास समुचित कैपिटल और इनकम संभावनाओं का अभाव देखते हुए यह कदम उठाया है
क्या को-ऑपरेटिव बैंकों में पैसा रखना सुरक्षित है?
अब सवाल उठता है कि क्या को-ऑपरेटिव बैंकों में पैसा रखना सुरक्षित है? बता दें कि बैंक डूबने या दिवालिया होने पर जमाकर्ता के पास एकमात्र राहत डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन यानी डीआईसीजीसी (DICGC) द्वारा दिया जाने वाला इंश्योरेंस कवर होता है. अब डीआईसीजीसी के तहत इंश्योरेंस कवर 5 लाख रुपये तक मिलता है. डीआईसीजीसी कवर सभी बैंकों के लिए उपलब्ध है. हालांकि उन्हें इस सुविधा के लिए रजिस्ट्रेशन करना होता है और इंश्योरेंस प्रीमियम का भुगतान करना होगा.
इन अकाउंट्स पर मिलते हैं DICGC इंश्योरेंस कवर
डीआईसीजीसी द्वारा दिया जाने वाला इंश्योरेंस कवर सेविंग अकाउंट्स, एफडी, करंट अकाउंट्स, आरडी जैसे डिपॉजिट पर काम करता है. डीआईसीजीसी की डिपॉजिट इंश्योरेंस एलएबी, पीबी, एसएफबी, आरआरबी और को-ऑपरेटिव बैंकों सहित सभी बीमाकृत कमर्शियल बैंकों को कवर करता है. अगर आपका पैसा किसी बैंक में जमा है, तो आप नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर चेक कर सकते हैं कि यह डिपॉजिट इंश्योरेंस के लिए रजिस्टर्ड है या नहीं…