जंग-ए-आजादी में उबल पड़ा था कटिहार,आज के दिन ही अंग्रेजों से लोहा लेते युवा हुए थे शहीद
शहादत को याद करते हैं लोग
जानकारों की मानें तो स्वाधीनता संग्राम के इतिहास में यह दो तारीख काफी महत्वपूर्ण स्थान रखती है. स्वाधीनता संग्राम में जिस तरह छात्र ध्रुव कुंडू ने गोली खाकर अंग्रेजों से लड़ते लड़ते शहीद हो गये. वह आज भी छात्रों और युवाओं के लिए प्रेरणादायी बना हुआ है. स्वाधीनता संग्राम के आखरी दशक में कटिहार के लोगों ने अपने अपने तरीके से योगदान दिया. दर्जनों ज्ञात-अज्ञात लोगों ने वतन के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिया. जबकि बड़ी तादाद में लोगों ने इस संग्राम को मुकाम तक पहुंचाने में सहयोग दिया. देश के रणबांकुरों की वजह से 15 अगस्त 1947 को भारत अंग्रेजो के गुलामी से मुक्त हुआ. इस बार भारत के स्वाधीनता के 73 वर्ष पूरे हो रहे है. साथ ही आजादी के इस आंदोलन में कटिहार के वीर सपूतों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया था. खास कर 13 अगस्त 1942 को तो यहां के कई वीर सपूत ने जंग-ए-आजादी में अपनी शहादत दे दी.