नंदीग्राम सीट से हारने के बाद फिलहाल किसी भी सीट से ममता विधायक नहीं है लेकिन इसके बावजूद ममता बनर्जी मुख्यमंत्री है लेकिन लेकिन ममता की मुस्किले अब बढ़ते जा रही है दरसअल ममता से पहले भी ऐसे कुछ मुख्यमंत्री रहे हैं जो मुख्यमंत्री बनते समय अपने राज्य की विधानसभा के सदस्य नहीं थे। बिहार के नीतीश कुमार ने तीन दशक से अधिक समय से विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा है। नवंबर में हुए विधानसभा चुनाव में भी वे प्रत्याशी नहीं थे। महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने भी चुनाव नहीं लड़ा है। ये दोनों विधानपरिषद के सदस्य हैं।
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बिहार और महाराष्ट्र में विधानसभा और विधान परिषद के रूप में दो सदन है, लेकिन बंगाल में विधान परिषद नहीं है। ऐसी स्थिति में ममता को मुख्यमंत्री पद संभालने के बाद छह महीने के अंदर विधानसभा सदस्य बनना होगा। वे खाली की गई किसी सीट पर हुए उपचुनाव में जीत हासिल कर सदन की सदस्य बन सकती हैं। संविधान का अनुच्छेद 164 कहता है कि एक मंत्री, जो विधायक नहीं है, को छह महीने में इस्तीफा देना होगा।