नई दिल्ली. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश की राजनीति नई अंगराई ले सकती है. राजनीतिक विरासत की जंग में चाचा शरद पवार से नाता तोड़ने वाले अजित पवार लगातार चर्चाओं में बने हैं. सबके मन में एक ही सवाल चल रहा है- विधानसभा चुनाव-2024 से पहले क्या पवार फैमली एकजुट होगी? महाराष्ट्र में अजित पवार और शरद पवार को लेकर कयासबाजियों का दौर लगातार जारी है. इन सबके बीच, शरद पवार भतीजे अजित पवार की अगुआई में होने वाली बैठक में शामिल हुए. सुप्रिया सुले भी इस बैठक में मौजूद रहीं
महाराष्ट्र के राजनीतिक समीकरण में बदलाव आने के संकेत मिलने लगे हैं. इसका ताजा उदाहरण पुणे डिस्ट्रिक्ट प्लानिंग एंड डेवलपमेंट काउंसिल की बैठक है. शनिवार को जिला विकास परिषद की बैठक हुई. इसकी अध्यक्षता प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और गार्जियन मिनिस्टर अजित पवार कर रहे थे. इस बैठक में शामिल होने के लिए एनसीपी (शरद गुट) के सुप्रीमो और दिग्गज नेता शरद पवार भी पहुंचे. शरद पवार भी डिविजनल कमिश्नर ऑफिस पहुंचकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई. इसके अलावा क्षेत्र के सभी विधायक और सांसद सुप्रिया सुले भी बैठक में मौजूद रहीं.
महाराष्ट्र में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. कुछ ही महीनों में विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में राजनीतिक खेमेबंदी का दौर भी शुरू हो चुका है. एनसीपी (अजित गुट) से ताल्लुक रखने वाले पिंपरी-चिंचवाड़ क्षेत्र के कई नेताओं ने शरद पवार की पार्टी का दामन थाम लिया था. इससे महाराष्ट्र ही नहीं, बल्कि देश की राजनीति के दिग्गज नेता शरद पवार काफी उत्साहित हैं. इतना ही नहीं, छगन भुजबल भी शरद पवार से मुलाकात कर चुके हैं, ऐसे में राजनीतिक कयासबाजी का दौर शुरू हो गया है. राजनीतिक गलियारों में इस सवाल पर भी चर्चाएं आम हो चुकी हैं कि क्या दोनों पवार फिर से एक साथ एक मंच पर आएंगे?