नई दिल्ली. लोकसभा चुनावों में प्रत्याशियों के चयन को लेकर बीजेपी मुख्यालय में केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक हुई. बैठक में उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड समेत 18 राज्यों को लेकर चर्चा हुई. यूपी की 50 तो उत्तराखंड की सभी पांच सीटों पर चर्चा की गई. इसके अलावा यूपी को लेकर बीजेपी ने एक बड़ा फैसला भी किया है. इस बार लोकसभा में यूपी में बीजेपी ने कोई मुस्लिम उम्मीदवार ना उतारने का फैसला किया है. बीजेपी की तरफ से पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी और पूर्व राज्यसभा सांसद और बीजेपी प्रवक्ता सैय्यद जफर इस्लाम भी यूपी से लोकसभा चुनाव में उतरने के लिए तैयारी कर रहे थे
दिल्ली में हुई केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में यूपी को लेकर चर्चा हुई. बैठक में यूपी की तकरीबन 50 सीटों को लेकर चर्चा हुई. इसके साथ-साथ बैठक में ये भी तय किया गया की यूपी से बीजेपी किसी मुस्लिम चेहरे पर दांव नहीं लगाएगी. बीजेपी ने यूपी से किसी मुस्लिम को लोकसभा चुनाव नहीं लड़ाने का फैसला किया है. पश्चिम यूपी की कई सीटें मुस्लिम बाहुल्य हैं जिनमें रामपुर, मुरादाबाद, संभल, कैराना, सहारनपुर जैसी एक दर्जन सीटें ऐसी हैं जहां अच्छी संख्या में मुस्लिम मतदाता हैं.
पिछली हारी हुई सीटों पर मंथन, वहां से बेहतर उम्मीदवार
ऐसे में बीजेपी के कई नेता ऐसी सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे जिनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी रामपुर उनके अलावा पूर्व राज्यसभा सांसद सैय्यद जफर इस्लाम मुरादाबाद से तैयारी कर रहे थे. इसके अलावा बीजेपी ने पिछले लोकसभा चुनाव में हारीहुई 14 सीटों पर मंथन किया जिसमें सहारनपुर से राघव लखनपाल, अमरोहा से कंवर सिंह तंवर, अंबेडकरनगर से रितेश पांडेय को उम्मीदवार बना सकती है. इसके अलावा रायबरेली और मैनपुरी पर फिलहाल कोई नाम फाइनल नहीं है.
रायबरेली से ब्राह्मण चेहरे तो गाजियाबाद, आगरा, अलीगढ़ से उम्मीदवार तय
दोनों सीटों को लेकर बीजेपी केंद्रीय नेतृत्व पर फैसला छोड़ा गया. रायबरेली से किसी बड़े ब्राह्मण चेहरे पर दाव लगाया जा सकता है. मैनपुरी से ठाकुर चेहरे के साथ बीजेपी मैदान में उतर सकती है. इसके साथ साथ गौतम बुद्ध नगर से महेश शर्मा और गाजियाबाद से वीके सिंह को फिर से टिकट मिल सकता है. अलीगढ़ से सतीश गौतम, आगरा से एसपी सिंह बघेल को भी फिर से टिकट दिया जा सकता है.
हाथरस से बीजेपी उम्मीदवार बदल सकती है.