नई दिल्ली. पश्चिम बंगाल के संदेशखाली का मुद्दा अत्यधिक संवेदनशील हो गया है. अनुसूचित आयोग ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. इसमें पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की गई है. अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष अरुण हलदर ने SC आयोग की टीम के पश्चिम बंगाल के दौरे से वापस आने के बाद यह सिफारिश की है. SC आयोग के अध्यक्ष ने बताया कि टीम ने अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति को सौंप दी है. बता दें कि नॉर्थ 24 परगना जिले के बशीरहाट सब-डिवीजन में स्थित संदेशखाली में पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के कुछ नेताओं द्वारा महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार करने का मामला सामने आया. तृणमूल कांग्रेस के नेताओं की गतिविधियों से तंग आकर ग्रामीणों ने उनके खिलाफ हल्ला बोल दिया. इन नेताओं की संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचाया गया. मामले के तूल पकड़ने के बाद ममता बनर्जी की पार्टी ने आरोपी नेताओं को पार्टी से निकालने की कार्रवाई की है
SC आयोग के अध्यक्ष अरुण हलदर ने शुक्रवार को संदेशखाली मसले पर अपनी बात सामने रखी. उन्होंने कहा, ‘सात सदस्यों की टीम गुरुवार को संदेशखाली गई थी. आयोग के लोग वहां गए थे, लेकिन पुलिस ने मिलने पीड़ितों से मिलने ही नहीं दिया. जैसे तैसे कर परिवार वालों से टीम के सदस्य मिल सके. पुलिस को कमीशन को रिस्पेक्ट देना चाहिए था. पुलिस ऐसे काम कर रही है जैसे की वो पुलिस के लिए नहीं, किसी पार्टी का काम कर रही है. हमारे साथ सहयोग करना चाहिए था, लेकिन पुलिस ने ऐसा नहीं किया
अरुण हलदर ने आगे बताया कि आयोग की रिपोर्ट की पूरी बातें नहीं बताई जा सकती हैं, लेकिन इतना जरूर कहा जा सकता है कि वहां प्रशासन अपराधियों को बचाने में जुटा है. संदेशखाली में अनुसूचित जाति के लोग को कोई सुरक्षा नहीं मिल रही है. अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष ने बताया कि प्रदेश सरकार सिर्फ क्रिमिनल को बचाने का काम कर रही है. अरुण हलदर ने आगे कहा कि जितने भी तथ्य एकत्र कर सके, उन्हें संकलित कर लिया है. रिपोर्ट के साथ राष्ट्रपति भवन पहुंच गए हैं. अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष ने कहा, ‘हमने राष्ट्रपति को बताया है हमारे संज्ञान में यह मामला आया था. मीडिया से भी जानकारी मिली थी. हमने वहां जो हालत देखे, उसके आधार पर (पश्चिम) बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने का जिक्र रिपोर्ट में किया है
उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखालि क्षेत्र की कई महिलाओं ने तृणमूल कांग्रेस के स्थानीय नेता शाहजहां शेख और उनके समर्थकों पर जमीन हड़पने और यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है. कई महिलाओं ने आरोप लगाया है कि शाहजहां और उनके समर्थक रात में उनके घर की बहू-बेटियों को ले जाते थे. अब महिलाएं वहां TMC नेताओं के खिलाफ प्रदर्शन कर रही हैं और उनकी गिरफ्तारी की मांग पर अड़ी हैं. महिलाओं के इस प्रदर्शन को विपक्षी पार्टी भाजपा का भी साथ मिल गया है. पिछले महीने प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम कथित राशन घोटाले में शाहजहां के आवास पर छापेमारी करने गई थी, जिसपर भीड़ ने हमला कर दिया था. वह पिछले महीने से फरार है. ईडी जब इलाके में थी, तभी महिलाओं ने शाहजहां शेख और उनके समर्थकों पर संगीन आरोप लगाए थे