चंडीगढ़. हरियाणा में किसान आंदोलन के चलते इंटरनेट सेवाएं 2 दिन और बंद रहेंगी. अब प्रदेश में 15 फरवरी तक इंटरनेट सेवा बंद रहेगी. हरियाणा सरकार ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं. अंबाला, कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद, हिसार, फतेहाबाद, सिरसा और डबवाली में इंटरनेट बंद रहेगा.
आदेशों के अनुसार, इस दौरान लोग व्हॉट्सएप, फेसबुक, एक्स आदि के जरिये मैसेज नहीं भेजे जा सकेंगे. हालांकि, आम जनता की सुविधा को देखते हुए व्यक्तिगत मेसेज भेजने, फोन रिचार्ज करने, बैंकिंग SMS,वायस कॉल, ब्रॉडबैंड के माध्यम से इंटरनेट सर्विस, कॉरपोरेट और घरेलू लाइन जारी रहेंगी.
आदेश के मुताबिक, ‘राज्य के वर्तमान हालातों को देखते हुए, अंबाला, कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद, हिसार, फतेहाबाद और सिरसा में कानून-व्यस्था की स्थिति चुनौतीपूर्ण बनी हुई है. ऐसे में इंटरसेवा का इस्तेमाल करके भ्रामक संदेशों/अफवाहों से सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जा सकता है, कानून-व्यवस्था की स्थिति को और बिगाड़ा जा सकताहै, कानून-व्यवस्था की स्थिति को और बिगाड़ा जा सकता है. इसलिए मोबाइल इंटरनेट सेवा, एसएमएस सर्विस और अन्य डोंगल सेवा को प्रतिबंधित किया जा रहा है.’
किसानों के ‘दिल्ली कूच’ की घोषणा के चलते हरियाण सरकार ने बीते शनिवार की शाम को अंबाला, कुरूक्षेत्र, कैथल, जिंद, हिसार, फतेहाबाद और सिरसा में 11 फरवरी से 13 फरवरी तक मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया था. हरियाणा के इन सात जिलों में 11 फरवरी की सुबह 6 बजे से ही इंटरनेट सेवा बंद है. अब 15 फरवरी तक मोबाइल इंटरनेट सर्विस बंद रहेगी
इससे पहले, पंजाब से दिल्ली कूच कर रहे किसानों और पुलिस के बीच मंगलवार को हरियाणा के जींद के निकट टकराव हुआ, जिसमें एक दर्जन पुलिसकर्मी घायल हो गए. कई किसानों को भी चोटें आई हैं. हरियाणा के जींद में दातासिंह वाले बॉर्डर पर किसानों को रोकने के प्रयासों के तहत पुलिस ने लाठीचार्ज किया और इससे किसान भड़क गए और उन्होंने भी अर्धसैनिक बलों को निशाना बनाया. किसानों से टकराव में हरियाणा पुलिस के एक निरीक्षक समेत एक दर्जन जवान घायल हो गए. घायलों में अर्धसैनिक बल के दो जवान भी शामिल हैं. हमले में कुछ किसानों को भी चोटें आई हैं.
पुलिस ने किसानों को जींद जिले में खनौरी बॉर्डर से हरियाणा में प्रवेश करने से रोका. इस दौरान यहां पर भी किसानों का आंसू गैस और पानी की बौछारों से सामना हुआ. किसानों को हरियाणा के अंबाला में शंभू बॉर्डर पर भी इसी तरह की पुलिस कार्रवाई का सामना करना पड़ा. फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी वाला कानून बनाने सहित अपनी मांगों को लेकर केंद्र पर दबाव बनाने के लिए किसानों ने दिल्ली कूच किया है.