पटना/रांची. बंगाल की खाड़ी में चक्रवात बन रहा है, जो जल्द ही भयंकर तूफान का रूप ले सकता है. मौसम विभाग ने जानकारी दी है कि बंगाल की खाड़ी के ऊपर बने गहरे दबाव का क्षेत्र सोमवार शाम तक चक्रवात में तब्दील हो सकता है. इसका असर तटीय राज्य पश्चिम बंगाल और ओडिशा में देखने को मिल सकता है. दोनों प्रदेशों से बिहार और झारखंड की सीमाएं भी लगती हैं, ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि क्या इस चक्रवात का असर इन राज्यों पर भी पड़ेगा. यदि ऐसा होता है तो इन चारों प्रदेशों में दुर्गा पूजा का रंग फीका पड़ सकता है
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने एक बुलेटिन में यह जानकारी दी है कि बंगाल की खाड़ी में एक चक्रवात बन रहा है. जो सोमवार शाम तक तूफान का रूप ले सकता है. इस चक्रवाती तूफान को ईरान ने हामून नाम दिया है. मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक रविवार रात को उत्तर-पूर्व की तरफ बढ़ने के बाद गहरे दबाव वाला यह क्षेत्र पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी में ओडिशा के पारादीप से लगभग 400 किलोमीटर और पश्चिम बंगाल के दीघा से करीब 550 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पश्चिम में केंद्रित है.
मौसम विभाग की चेतावनी, प्रशासन अलर्ट
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि गहरे दबाव के अगले 12 घंटे में चक्रवाती तूफान में तब्दील होने की आशंका है. इसके उत्तर-उत्तरपूर्व की तरफ बढ़ने और 25 अक्टूबर की शाम के आस-पास गहरे दबाव के रूप में खेपुपारा और चटगांव के बीच बांग्लादेश तट को पार करने का अनुमान है. इधर ओडिशा सरकार ने सभी जिला कलेक्टर को किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया है. उसने भारी बारिश होने की सूरत में प्रशासन से निचले इलाकों से लोगों को निकालने को भी कहा है.
इन इलाकों में बारिश की संभावना
मौसम वैज्ञानिक यू एस दास ने कहा कि यह प्रणाली (चक्रवात) ओडिशा तट से करीब 200 किलोमीटर दूर समुद्र में बढ़ेगी. इसके प्रभाव से सोमवार को तटीय ओडिशा में कुछ स्थानों पर और अगले दो दिनों में कई जगहों पर हल्की से मध्यम बारिश होने की आशंका है. मौसम विभाग ने बताया कि क्योंझर, मयूरभंज और ढेंकनाल के अलावा उत्तर और दक्षिण के तटीय जिलों में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है. मत्स्य पालन और पशु संसाधन विकास विभाग ने मछुआरों को गहरे समुद्र में न जाने की सलाह दी है. मौसम की स्थिति को ध्यान में रखते हुए दुर्गा पूजा आयोजकों ने पर्व के दौरान संभावित बारिश और तेज हवाओं से निपटने की तैयारियां तेज कर दी हैं.
बिहार-झारखंड हो सकता है प्रभावित यदि…
पश्चिम बंगाल में यदि चक्रवात और मजबूत हुआ तो पश्चिम बंगाल और ओडिशा से सटे बिहार एवं झारखंड पर भी इसका असर देखने को मिल सकता है. दरअसल, यह इस पर निर्भर करता है कि चक्रवात किस हद तक प्रभावी होता है. चक्रवात के ज्यादा गंभीर होने की स्थिति में पश्चिम बंगाल के साथ ही झारखंड में भी इसका असर देखने को मिलता है.