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उज्जैन रेप केस मे नया मोड़, बार एसोसिएशन ने लिया फैसला, कहा- कोई भी वकील आरोपी का केस नहीं लड़ेगा.

उज्जैन. उज्जैन रेप केस में बड़ी खबर है. कोई भी वकील 12 साल की बच्ची के रेप के दोनों आरोपियों का केस नहीं लड़ेगा. बार एसोसिएशन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए ये बड़ा फैसला किया है. उज्जैन बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक यादव ने बताया कि धार्मिक नगरी को शर्मसार करने वाले पर कार्रवाई हो. बार एसोसिएशन का कोई भी सदस्य आरोपी की पैरवी नहीं करेगा. उन्होंने घटना की निंदा करते हुए पुलिस से भी मांग की है कि आरोपी के खिलाफ मजबूत केस बनाकर कड़ी सजा दिलवाए. ऐसे लोगों को फांसी की सजा हो, ताकि समाज में एक संदेश जाए और आने वाले समय में कोई भी इस तरह की घटना करने की हिम्मत न करे.

इस रेप केस ने पूरे प्रदेश में हड़कंप मचा दिया है. पुलिस ने इस मामले के आरोपी भरत सोनी और राकेश मालवीय को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने इसमें राकेश मालवीय को सह आरोपी बनाया है. बता दें, पुलिस जब भरत को घटना स्थल ले जा रही थी, तब उसने गिरफ्त से भागने की कोशिश की. इस कोशिश में वह घायल हो गया. उसे पकड़ने की कोशिश में दो पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं. आरोपी को पुलिस ने अस्पताल में भर्ती कराया है. गौरतलब है कि शहर में महाकाल थाना क्षेत्र के मुरलीपुरा में 27 सितंबर को दुष्कर्म पीड़ित एक नाबालिग बच्ची बेसुध हालत में मिली थी. बच्ची बड़ी मुश्किल से बोल पा रही थी

ढाई घंटे तक सड़क पर भटकती रही बच्ची
बताया जाता है कि उसके कपड़े से खून टपक रहा था. उज्जैन के सांवराखेड़ी कॉलोनी में बच्ची खून से सनी ढाई घंटे तक सड़क पर भटकती रही. लेकिन कोई शख्स उसकी मदद को आगे नहीं आया. बच्ची ने कॉलोनी के एक घर के बाहर खड़े युवक से मदद भी मांगी, लेकिन युवक ने मदद नहीं की. महाकाल थाना पुलिस को बच्ची के जो फुटेज मिले हैं, उसमें वह अर्धनग्न अवस्था में सड़क पर मदद मांगती नजर आई थी.

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बच्ची की हालत बेहद खराब थी- आचार्य राहुल
मामले को लेकर 28 सितंबर को ग्राउंड जीरो पर जाकर तहकीकात की उस पूरे रास्ते से गुजरी जहां-जहां से नाबालिग बच्ची पैदल तक गई. उसके बाद टीम दंडी आश्रम तक पहुंची. यहां बच्ची की मदद करने वाले आचार्य राहुल शर्मा से बात की. उन्होंने बताया कि बच्ची की हालत बेहद खराब थी. मुझसे उसकी हालत देखी नहीं गई. मैंने उसे कपड़े दिए और बातचीत की. पीड़िता कुछ बोल नहीं पा रही थी. आचार्य राहुल शर्मा  ने बताया कि मैंने उसे माता-पिता का नाम नंबर देने के लिए पैन और कॉपी भी दिए. लेकिन, वह तो माता-पिता का नाम नंबर लिख पाई, न अपना. मैंने उससे कई बार पूछा कि तुम्हारी ऐसी  हालत किसने की है, लेकिन वह कुछ भी बता नहीं पाई. इसके बाद मैंने पुलिस को इसकी सूचना दी. इसके बाद पुलिस आई और उसकी मदद की. आज वह बच्ची ठीक है

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