डिंडोरी. डिंडोरी जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आयी. यहां एक बेबस पिता अपने नवजात बेटे की लाश को थैले में रखकर ले जाता दिखा. वजह ये थी कि अस्पताल वालों ने उसे एंबुलेंस मुहैया नहीं करायी थी. पिता ने 150 किमी का सफर ऐसे ही तय किया.
डिंडोरी जिले के सहजपुरी गांव में रहने वाली जमनी बाई को बीते 13 जून को प्रसव पीड़ा होने पर डिंडौरी जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया था. लेकिन डिलीवरी के बाद नवजात शिशु की हालत बिगड़ने लगी. इसलिए उसे जबलपुर के मेडिकल कॉलेज में रेफर किया गया था. वहां इलाज के दौरान दो दिन बाद ही 15 जून को नवजात की मौत हो गई.
थैले में लिपटा नवजात का शव
बेटे की मौत हो गयी और पत्नी नव प्रसूता थी इसलिए परिवारवालों ने डिंडौरी लौटने के लिए एंबुलेंस की मांग की. परिवार ने मेडिकल कॉलेज जबलपुर प्रबंधन से शव वाहन का इंतज़ाम कराने के लिए काफी मिन्नतें कीं. लेकिन प्रबंधन ने उन्हें शव वाहन उपलब्ध नहीं कराया. मेडिकल कॉलेज से नवजात का शव ऑटो में रखकर परिवारजन जैसे तैसे जबलपुर बस स्टैंड पहुंचे. लेकिन अभी तो डिंडौरी तक 150 किमी का सफर बाकी था.