नई दिल्ली: निजी पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट वेदर ने अगले चार हफ्तों में भारत में कमजोर मॉनूसन (Weak Monsoon) की भविष्यवाणी की है, जिससे कृषि पर प्रभाव के बारे में चिंता बढ़ गई है. एजेंसी के अनुसार, एक्सटेंडेड रेंज प्रेडिक्शन सिस्टम (ERPS) अगले चार हफ्तों के लिए, 6 जुलाई तक एक निराशाजनक दृष्टिकोण पेश कर रहा है. उनके अनुसार, कृषि (Agriculture) गढ़ इस मौसम में सूखा रहने के आसार के आसार है, जबकि यह बुवाई के महत्वपूर्ण समय या कम से कम खेत को तैयार करने का वक्त है.
स्काईमेट वेदर ने कहा कि भारत के मध्य और पश्चिमी हिस्से, जो मुख्य मॉनसून क्षेत्र में हैं, मौसम की शुरुआत में अपर्याप्त वर्षा के कारण सूखे के प्रभाव से निपटने में चुनौतियों का सामना कर सकते हैं.
दक्षिण-पश्चिम मॉनसून (South West Monsoon) 1 जून की सामान्य तिथि के एक सप्ताह बाद 8 जून को केरल पहुंचा है.
निजी मौसम पूर्वानुमान एजेंसी ने कहा कि अरब सागर में चक्रवात बिरपजोय ने पहले केरल में मॉनसून की शुरुआत में देरी की और अब बारिश वाली प्रणाली की प्रगति को बाधित कर रहा है.
जबकि मॉनसून की बारिश आमतौर पर 15 जून तक महाराष्ट्र, ओडिशा और आधे तेलंगाना, छत्तीसगढ़, झारखंड और बिहार को कवर करती है. मॉनसून की धारा अभी भी इन क्षेत्रों में बरसने से दूर है. दुर्भाग्य से निकट भविष्य में बंगाल की खाड़ी के ऊपर मौसम प्रणालियों के उभरने के कोई संकेत नहीं हैं, जो मॉनसून के महत्वपूर्ण चालक हैं.