नई दिल्ली. शार्क टैंक इंडिया (Shark Tank India) के जज और शादीडॉटकॉम (shaadi.com) के फाउंडर अनुपम मित्तल (Anupam Mittal) ने गूगल को डिजिटल ईस्ट इंडिया कंपनी की संज्ञा दी है. उन्होंने नए पेमेंट नियमों को लेकर ट्विटर पर जमकर भड़ास निकाली और कहा कि गूगल की नई पॉलिसी भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) के निर्देशों का उल्लंघन है. मित्तल ने प्रधानमंत्री कार्यालय से इस विषय में दखल देने की गुजारिश भी की है. गूगल ने भारतीय ऐप डेवलपर्स को भारत के बाहर इसके गूगल प्ले बिलिंग सिस्टम (GPBS) का अनिवार्य रूप से इस्तेमाल करने को कहा. ऐसा नहीं करने पर गूगल ने चेतावनी दी है कि 14 दिनों के भीतर ऐप को प्ले स्टोर से हटा दिया जाएगा.
गूगल का यही नियम अनुपम मित्तल को खल रहा है. उन्होंने ट्वीट में लिखा कि गूगल ने अपने पेमेंट्स को भारतीय डेवलपर्स के लिए अनिवार्य कर दिया है. यह भारतीय कानूनों का उल्लंघन है. उन्होंने उम्मीद जताई है कि मीडिया, अदालतें और प्रधानमंत्री कार्यालय इस बात का संज्ञान लेंगे. हाल ही में गूगल की ओर से पॉलिसी में बदलाव किया गया था. गूगल के वैकल्पिक बिलिंग सिस्टम को चुनने पर भी सर्विस फीस चुकानी होगी, लेकिन यह स्टैंडर्ड फीस की तुलना में चार प्रतिशत कम होगी.
क्या है मामला
मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के अनुसार, सीसीआई के निर्देशों के चलते गूगल को भारत में अपने बिलिंग सिस्टम GPBS को यूजर च्वाइस बिलिंग सिस्टम (UCBS) से बदलना पड़ा. जीपीबीएस के तहत ऐप की सभी खरीदारी का पेमेंट गूगल के पेमेंट गेटवे के तहत करना होता है और इसके लिए कंपनी हर खरीदारी पर 30 फीसदी तक कमीशन लेती है. वहीं यूसीबीएस, जो 26 अप्रैल से प्रभावी हो सकता है, के तहत सभी प्रकार के पेमेंट विकल्प जैसे कि कार्ड, नेट बैंकिंग, यूपीआई या वॉलेट्स सभी उपलब्ध रहेंगे और कमीशन भी 30 फीसदी की बजाय 26 फीसदी तक देना होगा.