मोरबी में एक सस्पेंशन ब्रिज के गिरने से 134 लोगों की मौत के एक दिन बाद अहमदाबाद नगर पालिका ने सोमवार को शहर में साबरमती नदी पर केवल पैदल चलने वालों के लिए बने अटल पुल पर लोगों की संख्या को केवल 3,000 प्रति घंटे तक सीमित करने का फैसला किया. ये फैसला लोगों की सुरक्षा के मद्देनजर सतर्कता बरतने के लिए किया गया है. 300 मीटर लंबा और 14 मीटर चौड़ा अटल ब्रिज साबरमती नदी के पश्चिमी छोर पर फ्लावर गार्डन और पूर्वी छोर पर बन रहे कला और संस्कृति केंद्र को जोड़ता है. 27 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका उद्घाटन किया. जिसके बाद अटल पुल लोगों के लिए एक बड़ा आकर्षण बन गया है.
अटल पुल का प्रबंधन करने वाली कंपनी साबरमती रिवरफ्रंट डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड ने एक बयान में कहा कि हालांकि पुल लगभग 12,000 व्यक्तियों के वजन को सहन करने में सक्षम है. फिर भी अहमदाबाद नगर निगम ने मोरबी पुल त्रासदी को देखते हुए एहतियात के तौर पर अटल पुल पर लोगों की संख्या को सीमित करने का फैसला लिया है. अब हर घंटे केवल 3,000 लोगों को अटल पुल पर प्रवेश दिया जाएगा. हर घंटे 3,000 से अधिक व्यक्तियों को पुल पर खड़े होने की अनुमति नहीं दी जाएगी, और बाकी को रिवरफ्रंट पर अपनी बारी का इंतजार करने को कहा
साबरमती रिवरफ्रंट डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड ने कहा कि पुल बहुत मजबूत और सुरक्षित है लेकिन आगंतुकों की सुरक्षा के लिए निर्णय लिया गया था और इस मुद्दे पर सहयोग की अपील की. आकर्षक डिजाइन और एलईडी लाइटिंग के साथ पुल को 2,600 टन स्टील पाइप का उपयोग करके बनाया गया है. इसकी छत रंगीन कपड़े से बनी है और रेलिंग कांच और स्टेनलेस स्टील से बनाई गई है. गौरतलब है कि रविवार की शाम को मोरबी शहर में मच्छु नदी पर बने 140 साल पुराने केबल सस्पेंशन पुल टूटने से 134 लोगों की जान चली गई.