नई दिल्लीः राहुल गांधी ने गुलाम नबी आजाद के इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस पार्टी ने प्रतिक्रिया दी है. यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बी.वी. ने ट्विटर पर राहुल गांधी का एक पुराना वीडियो क्लिप शेयर करते हुए लिखा है…’जो डर गए, वो आजाद’ हैं. इस वीडियो में राहुल गांधी कह रहे हैं, ‘जो नहीं डर रहे और कांग्रेस में नहीं है उन्हें अंदर लाओ, जो कांग्रेस में हैं और डर रहे हैं, उन्हें बाहर निकालो. आपकी जरूरत नहीं है कांग्रेस को, हमें निडर लोग चाहिए. आप जाओ आरएसएस के पास, भागो.’
श्रीनिवास बी.वी. ने एक अन्य ट्वीट में बिना नाम लिए गुलाम नबी आजाद पर निशाना साधा है. उन्होंने लिखा है, जब तक ‘CM’ पद, ‘Union Minister’ पद, LoP पद, Rajya Sabha सीट ‘गुलाम’ रही, तब तक सब ठीक था!! 50 वर्षों बाद जब संघर्ष का दौर आया, पार्टी के कर्ज को उतारने की नौबत आयी तो ‘आजाद’ हो गए. श्रीनिवास बी.वी. ने एक अन्य ट्वीट में लिखा…जो सिर्फ ‘सत्ता’ और ‘रेवड़ी’ के ‘गुलाम’ रहे. वो ‘संघर्ष’ के दौर में अब ‘आजाद’ हो गए..!
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आजाद के इस्तीफे के बारे में न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा, ‘उनके त्यागपत्र के बारे में मैं जो महसूस करता हूं, उसे व्यक्त करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं. उन्होंने पार्टी में कई पदों पर कार्य किया. किसी को उम्मीद नहीं थी कि वह ऐसा पत्र लिखेंगे. इससे पहले उन्होंने सोनिया गांधी को पत्र लिखा था जब वह मेडिकल चेकअप के लिए अमेरिका गई थीं. कांग्रेस ने उन्हें. आज वह इंदिरा गांधीए राजीव गांधी और सोनिया गांधी के कारण एक जाने माने नेता हैं.’
सोनिया गांधी को भेजे 5 पन्ने के इस्तीफ में 7 किरदार और 4 हालात
आपको बता दें कि गुलाम नबी आजाद ने शुक्रवार को कांग्रेस छोड़ दी. उन्होंने पार्टी के सभी पदों और सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. आजाद की ओर से पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजे अपने 5 पन्ने के इस्तीफ में 7 किरदार और 4 हालात हैं. सबसे सख्त बयान राहुल गांधी को लेकर हैं. गुलाम नबी आजाद ने उन्हें कांग्रेस की बर्बादी के लिए जिम्मेदार ठहराया है.
गुलाम नबी आजाद ने सोनिया गांधी की प्रशंसा करते हुए अपने त्याग पत्र में लिखा है, ‘बेशक कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर आपने यूपीए-1 और यूपीए-2 के गठन में शानदार काम किया. इस सफलता का सबसे बड़ा कारण यह था कि आपने अध्यक्ष के तौर पर बुद्धिमान सलाहकारों और वरिष्ठ नेताओं के फैसलों पर भरोसा किया. उन्हें ताकत दी और उनका ख्याल रखा. दुर्भाग्य से राजनीति में राहुल गांधी की एंट्री और खासतौर पर जब आपने जनवरी 2013 में उन्हें उपाध्यक्ष बनाया, तब राहुल ने पार्टी में चली आ रही सलाह के मैकेनिज्म को तबाह कर दिया. सभी वरिष्ठ और अनुभवी नेताओं को साइड लाइन कर दिया गया और गैर-अनुभवी चापलूसों का नया ग्रुप बन गया, जो पार्टी चलाने लगा.’
उन्होंने लिखा, ‘यूपीए सरकार की अखंडता को तबाह करने वाला रिमोट कंट्रोल सिस्टम अब कांग्रेस पर लागू हो रहा है. आप बस नाम के लिए इस पद पर बैठी हैं. सभी जरूरी फैसले राहुल गांधी ले रहे हैं. उससे भी बदतर यह है कि उनके सुरक्षाकर्मी और पीए ये फैसले ले रहे हैं. 2014 में आपकी और उसके बाद राहुल गांधी की लीडरशिप में कांग्रेस शर्मनाक तरीके से 2 लोकसभा चुनाव हारी. 2014 से 2022 के बीच हुए 49 विधानसभा चुनावों में से हम 39 चुनाव हार गए. पार्टी ने केवल 4 राज्यों के चुनाव जीते और 6 मौकों पर उसे गठबंधन में शामिल होना पड़ा. अभी कांग्रेस केवल 2 राज्यों में शासन कर रही है और 2 राज्यों में गठबंधन में उसकी भागीदारी मामूली है.’
गुलाम नबी आजाद उस जी-23 समूह का भी हिस्सा थे, जो पार्टी में कई बड़े बदलावों की पैरवी करता है. आजाद का राज्यसभा का कार्यकाल 15 फरवरी, 2021 को पूरा हो गया था. कांग्रेस ने उन्हें दोबारा राज्यसभा नहीं भेजा. आजाद का कार्यकाल खत्म होने वाले दिन उन्हें विदाई देते हुए नरेंद्र मोदी भावुक हो गए थे. 2021 में मोदी सरकार ने गुलाम नबी आजाद को पद्म भूषण सम्मान दिया था. कांग्रेस के कई नेताओं को यह पंसद नहीं आया. नेताओं ने सुझाव दिया था कि आजाद को यह सम्मान नहीं लेना चाहिए. लेकिन उन्होंने इसे किसी व्यक्ति का दिया हुआ सम्मान न बताकर देश का सम्मान बताया और स्वीकार किया.