पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित ‘संवाद’ में जल- जीवन – हरियाली अभियान से संबंधित उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की गयी समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने निर्देश देते हुए कहा कि सार्वजनिक आहर, पईन,तालाब, पोखर, कुओं एवं चापाकलों को अधिक से अधिक चिन्हित कर उसे अतिक्रमण मुक्त. कराएं. साथ ही अतिक्रमण मुक्त कराए गए जल संचयन क्षेत्रों के किनारे बसे गरीब लोगों के पुनर्वास के लिए समुचित कार्रवाई करें.
उन्होंने अधिकारियों को निदेश देते हुए कहा कि जल-जीवन- हरियाली अभियान के अवयवों पर तेजी से कार्य पूर्ण करें. सभी सार्वजनिक कुओं को चिन्हित कर उनका जल्द से जल्द जीर्णोद्वार कराएं. इससे भू-जल स्तर मेंटेन रहता है और सुखाड़ की स्थिति में लोगों को काफी सहूलियत मिलती है. सभी सार्वजनिक चापाकलों एवं कुओं के निकट सोख्ता के निर्माण कार्य में भी तेजी लायें.
‘मानव श्रृंखला में 5 करोड़ से अधिक लोग हुए थे शामिल’
मुख्यमंत्री ने समीक्षा बैठक के दौरान कहा कि वर्ष 2019 में पर्यावरण संरक्षण को लेकर सभी दलों के विधान पार्षदों एवं विधायकों के साथ करीब 8 घंटे तक बैठक की गई थी जिसमें सर्वसम्मति से जल-जीवन-हरियाली अभियान को चलाने का निर्णय लिया गया था. इसके लिए मानव श्रृंखला भी बनाई गई जिसमे 5 करोड़ से भी अधिक लोगों ने अपनी भागीदारी सुनिश्चित कराई थी. वर्ष 2019 में एक-एक चीज पर विस्तारपूर्वक बात हुई थी. मुख्यमंत्री ने कहा कि जल-जीवन-हरियाली का मतलब जल और हरियाली के बीच ही जीवन है.
जल जीवन हरियाली की संयुक्त राष्ट्र में चर्चा
नीतीश कुमार ने कहा कि वर्ष 2020 में संयुक्त राष्ट्र के उच्च स्तरीय राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस में बिहार सरकार द्वारा चलाये जा रहे जल- जीवन – हरियाली अभियान की काफी सराहना हुयी थी. मुझे भी संयुक्त राष्ट्र से निमंत्रण आया था जिसमें हमने यहीं से अपनी बातें रखी थीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजगीर में जल संचयन हेतु बड़ा और सुंदर तालाब का निर्माण कराया गया है. यदि दो साल वर्षा नहीं होगी तो भी पानी की दिक्कत नहीं होगी. उन्होंने कहा कि पहाड़ियों के तलहट्टी क्षेत्र में जल संचयन की संभावनाओं को भी तलाशें पहाड़ियों के निकट चेकडैम बनाइएगा तो बहुत अच्छा होगा. इससे जल की उपलब्धता सुनिश्चित होगी.
सौर ऊर्जा के प्रति लोगों को करें जागरूक
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुये कहा कि सौर ऊर्जा के प्रति लोगों को जागरूक करें क्योकि यही अक्षय ऊर्जा है जो प्रकृति प्रदत्त है और यह सदैव रहेगा. हमलोगों ने शुरू से ही इस पर बल दिया है. मुख्यमंत्री आवास में भी सौर ऊर्जा को लेकर काम कराया गया है, जितने भी सरकारी भवन हैं उन सभी पर सौर ऊर्जा से संबंधित उपकरण लगाने का कार्य सुनिश्चित करें.
‘गंगा जलापूर्ति योजना में लाएं तेजी’
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘गंगा जलापूर्ति योजना’ का कार्य यथाशीघ्र पूर्ण करें, इस काम में तेजी लायें ताकि नवादा, राजगीर गया और बोधगया में जलापूर्ति का काम जल्द से जल्द शुरू किया जा सके. इससे लोगों को काफी सुविधा होगी. गया के विष्णु पद मंदिर के निकट फल्गु नदी में बन रहे रबड़ डैम का काम भी तेजी से पूर्ण कराएं. इसके बन जाने से पितृपक्ष के दौरान आनेवाले लोगों को काफी सहूलियत होगी. उन्होंने कहा कि सभी सरकारी भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग का कार्य सुनिश्चित कर उसे पूर्ण कराएं. फसल अवशेष को लेकर किसानों कोजागरुक करें, उन्हें बताएं कि फसल अवशेष जलाने के क्या-क्या दुष्परिणाम होते हैं. बिहार में पहले फसल अवशेष न के बराबर लोग अपने खेतों में जलाया करते थे. अब पटना और नालंदा के अलावा उत्तरी बिहार के लोग भी फसल अवशेष को अपने खेतों में जलाने लगे हैं.