वाराणसी. यूपी के वाराणसी में रोपवे परियोजना को लेकर हंगामा मचा हुआ है. टेंडर की प्रकिया से पहले महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के कुलपति ने इस पर सवाल उठाए हैं. कुलपति के साथ ही विश्वविद्यालय के छात्रों ने भी इसको लेकर अब विरोध करना शुरू कर दिया है. शनिवार को छात्रों ने परिसर से गुजरने वाले रोपवे और परिसर में प्रस्तावित स्टेशन को दूसरे जगह शिफ्ट करने की मांग उठाई है.
बता दें कि वाराणसी में कैंट से गोदौलिया तक प्रस्तावित रोपवे के लिए 5 स्टेशन चिन्हित किए गए हैं, जिसमे महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में भी एक स्टेशन प्रस्तावित है. विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आंनद कुमार त्यागी ने बताया कि वाराणसी में प्रस्तावित रोपवे योजना में छह पिलर और एक स्टेशन विश्वविद्यालय परिसर में प्रस्तावित है. इसके विश्वविद्यालय के सुरक्षा और निजता दोनों को खतरा है. कुलपति आवास से लेकर कैम्पस में स्थित महिला छात्रावास के ऊपर से रोपवे गुजरना है, जो भविष्य में उन छात्राओं की प्राइवेसी को भी खतरे में डाल सकता है.
सरकार को लिखा है पत्र
इसके अलावा इससे पूरे विश्व के एकमात्र भारत माता मंदिर और विश्वविद्यालय का चित्रकला विभाग भी प्रभावित होगा. प्रोफेसर आंनद कुमार त्यागी ने बताया कि इसको लेकर हम लोगों ने राज्यपाल आंनदी बेन पटेल और यूपी सरकार को पत्र भी लिखा है, जिसमें हम लोगों ने ये बताया है कि विश्वविद्यालय के पास पहले से ही जमीन कम है और कई सारे हॉस्टल के नए निर्माण भी कराने हैं. ऐसे में इस योजना के तहत अगर स्टेशन बना तो इससे भविष्य में विश्वविद्यालय में छात्रों को बेहतर सुविधा नहीं मिल पाएगी.
डीपीआर में हो बदलाव
वहीं, छात्रों की मानें तो विश्वविद्यालय में रोपवे के स्टेशन बनाए जाने से विश्वविद्यालय में बाहरी लोगों का आवागमन बढ़ेगा. इससे कैम्पस का माहौल बिगड़ सकता है.लिहाजा हम लोगों की मांग है कि रोपवे परियोजना की डीपीआर में बदलाव किया जाए.