आज पीएम मोदी ने अपनी दिवाली देश के जवानों के साथ जैसलमेर बॉर्डर के लोंगेवाला चौकी पर मनाई और देश की अर्थव्यवस्था और आतंकवाद से जुड़े हर मसले पर खुल के बात कि. पीएम ने कहा कि देश की सरहद पर हो, आसमान पर हो या फिर समंदर में राष्ट्र रक्षा में जुटे हुए देश की बेटियां और बेटे, हर सुरक्षा बल, हर किसी को दीपावली के इस पावन पर्व पर नमन करता हूं. प्रधानमंत्री ने कहा कि आप हैं तो देश है, देश के ये त्यौहार हैं. मैं आपके बीच प्रत्येक भारतवासी की शुभकामनाएं लेकर आया हूं. देशवासियों का प्यार लेकर आया हूं. हर वरिष्ठ जन का आशीष लेकर आया हूं.
उन्होंने कहा आप भले बर्फीली पहाड़ियों पर रहें या फिर रेगिस्तान में, मेरी दीवाली तो आपके बीच आकर ही पूरी होती है. आपके चेहरों की रौनक देखता हूं, आपके चेहरे की खुशिया देखता हूं, तो मुझे भी दोगुनी खुशी होती है. हिमालय की बुलंदियां हों, रेगिस्तान का विस्तार हो, घने जंगल हों या फिर समंदर की गहराई हो, हर चुनौती पर हमेशा आपकी वीरता भारी पड़ी है.
पीएम ने चीन का नाम लिए बिना कहा कि आज पूरा विश्व विस्तारवादी ताकतों से परेशान है, विस्तारवाद एक तरह से मानसिक विकृति है, 18वीं शताब्दी की सोच है इसके खिलाफ भारत आवाज बन रहा है. आज भारत की रणनीति साफ है, आज का भारत समझने और समझाने की नीति पर विश्वास करता है. लेकिन अगर हमें आजमाने की कोशिश की तो जवाब भी उतना ही प्रचंड मिलेगा.
आत्मनिर्भर भारत को लेकर पीएम मोदी बोले, आज देश आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य और संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है. आज आत्मनिर्भर भारत का विचार 130 करोड़ से अधिक भारतीयों के सामूहिक चेतना का, हमारी महत्वाकांक्षाओं का हिस्सा बन चुका है. आज सिस्टम में जितने रिफॉर्म्स किए जा रहे हैं, उनके पीछे भारत को हर प्रकार से बेहतर बनाने का संकल्प है. आज हो रहे रिफॉर्म्स के साथ नीयत और निष्ठा पवित्र है. आज जो रिफॉर्म्स किए जा रहे हैं, उससे पहले एक सुरक्षा कवच तैयार किया जा रहा है.
उन्होंने आगे कहा, हमारे यहां लंबे समय तक गरीब को सिर्फ नारों में ही रखा गया, लेकिन देश के गरीब को कभी सिस्टम से जोड़ने की चेष्टा ही नहीं हुई. जो सबसे ज्यादा उपेक्षित और आर्थिक रूप से बहिष्कृत था, वो गरीब था. अब गरीबों को अपना पक्का घर, टॉयलेट, बिजली, गैस, साफ पीने का पानी, डिजिटल बैंकिंग, सस्ती मोबाइल कनेक्टिविटी और तेज इंटरनेट कनेक्शन की सुविधा मिल रही है. ये गरीब के इर्द-गिर्द बुना गया वो सुरक्षा कवच है, जो उसकी आकांक्षाओं की उड़ान के लिए जरूरी है.
पीएम मोदी ने वैचारिक भिन्नता को लेकर कहा कि आप देश के इतिहास में देखिए, जब-जब देश के सामने कोई कठिन समय आया है, हर विचार हर विचारधारा के लोग राष्ट्रहित में एक साथ आए हैं. आज़ादी की लड़ाई में महात्मा गांधी के नेतृत्व में हर विचारधारा के लोग एक साथ आए थे. उन्होंने देश के लिए एक साथ संघर्ष किया था. आपातकाल के दौरान भी देश ने यही एकजुटता देखी थी. आपातकाल के खिलाफ उस आंदोलन में कांग्रेस के पूर्व नेता और कार्यकर्ता भी थे. आरएसएस के स्वयंसेवक और जनसंघ के लोग भी थे. समाजवादी लोग भी थे, कम्यूनिस्ट भी थे.