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चंडीगढ़ में लागू केंद्रीय सेवा नियमों के खिलाफ प्रस्ताव पारित

पंजाब सरकार सत्र में चंडीगढ़ में लागू केंद्रीय सेवा नियमों के खिलाफ प्रस्ताव लेकर आई है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने चंडीगढ़ और बीबीएमबी के मुद्दे पर प्रस्ताव पेश किया।
वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने सीएम मान के प्रस्ताव का समर्थन किया। सीएम मान ने चंडीगढ़ और बीबीएमबी में पूर्व की स्थिति बहाल करने संबंधी प्रस्ताव पेश किया है और केंद्र सरकार के सामने चंडीगढ़ को पंजाब को देने का प्रस्ताव रखा है। शिअद विधायक मनप्रीत सिंह अयाली ने प्रस्ताव पर राज्य सरकार का समर्थन किया।

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मान बोले- पंजाब पुनर्गठन अधिनियम का उल्लंघन
सीएम भगवंत मान ने कहा कि चंडीगढ़ में केंद्रीय सेवा नियमों को लागू करना पंजाब पुनर्गठन अधिनियम का उल्लंघन है। पंजाब पुनर्गठन एक्ट के तहत चंडीगढ़ को केंद्रशासित प्रदेश बनाया गया था। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ में केंद्र ने बाहर के अधिकारियों को तैनात किया है। इससे पहले भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (बीबीएमबी) में भी फेरबदल किया। पहले बोर्ड के पद पंजाब से भरे जाते थे। मगर इसे खत्म कर दिया है, अब पूरे देश से भरे जा सकते हैं। इसके बाद चंडीगढ़ में केंद्रीय सेवा नियमों को लागू कर दिया है। भगवंत मान ने चंडीगढ़ को पंजाब को देने का प्रस्ताव पेश किया।
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प्रताप सिंह बाजवा ने दी सुप्रीम कोर्ट जाने की सलाह
विधानसभा में प्रताप सिंह बाजवा ने विधानसभा परिसर में शहीद भगत सिंह, डॉ. भीमराव अंबेडकर और महाराजा रणजीत सिंह की प्रतिमा लगाने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि पंजाब विधानसभा ‘कैपिटल कॉम्प्लेक्स’ का हिस्सा है, जो यूनेस्को विश्व विरासत में शामिल है। यहां बिना चंडीगढ़ के मंजूरी के कोई भी प्रतिमा स्थापित नहीं की जा सकती है।सीएम मान ने विधानसभा में इन महान शख्सियतों की प्रतिमा लगाने का एलान किया था। ऐसे में सदन को गुमराह करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए। चंडीगढ़ में केंद्रीय सेवा नियम लागू करने पर उन्होंने कहा कि विधानसभा में वोट न मिलने की वजह से भाजपा बदले की भावना से काम कर रही है। प्रस्ताव के साथ ही एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करना चाहिए। पंजाब सरकार इस मामले को सुप्रीम कोर्ट लेकर जाए।

मान को कांग्रेस का भी मिला समर्थन
सदन की कार्यवाही के दौरान विधानसभा अध्यक्ष कुलतार सिंह संधवां ने कांग्रेस से अपने विपक्षी दल के नेता के बारे पूछा। इस पर कांग्रेसी भड़क उठे। इस पर वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि भाषा सही रखो, यहां बदमाशी नहीं चलेगी। उधर, कांग्रेस विधायक तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा ने चंडीगढ़ के मुद्दे को पूरे पंजाब का इम्तिहान बताया। उन्होंने कहा कि धरना देना है या प्रधानमंत्री से मिलना है, मुख्यमंत्री भगवंत मान फैसला करें। कांग्रेस साथ है। सबको एकजुट होकर चलना पड़ेगा।
जागरण - News
दो विधायकों ने ली शपथ
कपूरथला से विधायक राणा गुरजीत सिंह और सुल्तानपुर लोधी ने निर्दलीय विधायक उनके बेटे राणा इंद्र प्रताप सिंह विधानसभा पहुंचे। कार्यवाही शुरू होने से पहले विधानसभा अध्यक्ष कुलतार सिंह संधवां ने उन्हें शपथ दिलाई है। इसके बाद सदन की कार्यवाही आगे बढ़ाई गई और चंडीगढ़ में केंद्रीय सेवा नियमों के खिलाफ पंजाब सरकार ने प्रस्ताव पास किया।

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बीएसएफ का दायरा बढ़ाने के खिलाफ पास हो चुका है प्रस्ताव
इससे पहले पंजाब सरकार कृषि कानूनों और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) का दायरा बढ़ाने का विरोध पंजाब सरकार विधानसभा में जता चुकी है। दोनों ही मुद्दों पर पिछली सरकारों ने विधानसभा में प्रस्ताव पास किया था। बता दें कि केंद्र सरकार ने पंजाब में बीएसएफ का दायरा 15 से बढ़ाकर 50 किमी कर दिया था।

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