पटना। राजस्थान में सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू किए जाने के बाद बिहार सहित तमाम राज्यों में इसके लिए मांग उठने लगी है। पिछले दिनों बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सदन में यह मामला उठाया था। बिहार विधान मंडल के बजट सत्र के दौरान सदन में सोमवार को भी यह मामला उठा। इस पर सरकार की ओर से स्थिति को स्पष्ट कर दिया गया है। राजद के आलोक मेहता ने यह प्रश्न किया था कि राजस्थान सहित कई अन्य राज्यों मे नई पेंशन योजना के स्थान पर पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू की जा रही है। बिजेंद्र यादव ने कहा कि राज्य सरकार को इस तरह की कोई औपचारिक सूचना नहीं है।
सरकार के मंत्री बोले- केंद्र के संकल्प के अनुरूप हो रहा काम
सामान्य प्रशासन विभाग से संबंधित प्रश्नों के जबाव के लिए अधिकृत ऊर्जा, योजना एवं विकास मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान आए एक प्रश्न के उत्तर में स्पष्ट तौर पर कहा कि राज्य में सितंबर 2005 से नियुक्त सरकारी कर्मियों के लिए नई पेंशन व्यवस्था लागू है। इनके लिए पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू किए जाने का कोई भी प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। नयी पेंशन व्यवस्था केंद्र सरकार के संकल्प के अनुरूप
- पुरानी पेंशन व्यवस्था को लागू किए जाने का कोई प्रस्ताव नहीं : बिजेंद्र यादव
- सितंबर 2005 से नियुक्त सरकारी कर्मियों के लिए लागू है नई पेेंशन व्यवस्था
- मंत्री बोले- केंद्र सरकार के संकल्प के अनुरूप बिहार में लागू है पेंशन सिस्टम
बीपीएससी में सरकारी सेवकों के लिए अवसरों की सीमा
इसी तरह कामेश्वर चौपाल ने सरकारी कर्मियों से संबंधित एक प्रश्न किया था। उनके सवाल का यह अंश था कि सरकारी कर्मियों को तीन बार ही बिहार लोक सेवा आयोग की परीक्षा में शामिल होने का अवसर मिलता है। क्या सरकार इस बंधेज का समाप्त करना चाहती है? प्रभारी मंत्री ने कहा कि इस आशय का कोई भी प्रस्ताव नहीं है। सभी राज्यों को अपना-अपना कानून बनाने का अधिकार है।