भारत चीन सीमा विवाद के बिच ही आज भारतीय सेना ने गलवान घाटी में तिरंगा फहराया, सुरक्षा एजेंसियों के सूत्रों के अनुसार, भारतीय सेना के जवानों ने नए साल की पूर्व संध्या पर गलवान में राष्ट्रीय ध्वज फहराया था. चीन के सरकारी मीडिया द्वारा गलवान घाटी क्षेत्र के पास एक स्थान से चीनी लोगों को नए साल की बधाई भेजने वाले पीएलए सैनिकों का एक कथित वीडियो चलाने के तीन दिन बाद ये तस्वीरें जारी की गईं.
कुछ दिनों पहले ही चीन के सरकारी अखबार ‘ग्लोबल टाइम्स’ की खबर के अनुसार चीन ने भारत के पूर्वोत्तर राज्य अरुणाचल प्रदेश में 15 और स्थानों के लिए चीनी अक्षरों, तिब्बती और रोमन वर्णमाला के नामों की घोषणा की थी. चीन अरुणाचल प्रदेश के दक्षिण तिब्बत होने का दावा करता है.
भारत और चीन के बीच 3,488 किलोमीटर लंबी एलएसी
हालांकि भारत ने चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश के 15 स्थानों के नाम बदलने के कदम को स्पष्ट रूप से खारिज किया था और जोर देकर कहा था कि यह राज्य हमेशा से भारत का अभिन्न अंग रहा है और हमेशा रहेगा क्योंकि ”गढ़े” गए नामों से यह तथ्य नहीं बदलेगा. भारत और चीन सीमा 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) साझा करते हैं जिसे लेकर दोनों के बीच विवाद है
2017 में भी चीन ने अरुणाचल में कुछ नामों को बदलने की कोशिश की थी
चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश के कुछ स्थानों का नाम अपनी भाषा में बदलने की खबरों पर मीडिया के एक सवाल के जवाब में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था कि चीन ने अप्रैल 2017 में भी ऐसे नाम देने की मांग की थी. 2020 में गलवान घाटी में हुए संघर्ष के बाद कई दौर की सैन्य और कूटनीतिक वार्ता गतिरोध को देखते हुए समाप्त हो गई है
गलवान घाटी में एक जनवरी को ली गई थी तस्वीर
तस्वीरों को केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने भी ट्विटर पर पोस्ट करते हुए लिखा, “नव वर्ष 2022 के अवसर पर गलवान घाटी में भारतीय सेना के बहादुर जवान.” भारतीय सुरक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों द्वारा जारी की गई तस्वीरों में से एक में करीब 30 भारतीय सैनिकों को राष्ट्र ध्वज के साथ देखा जा सकता है. एक अन्य तस्वीर में समूह को दिखाया गया है जिसमें चार लोग राष्ट्र ध्वज पकड़े हुए हैं और एक अन्य तिरंगा एक अस्थायी निगरानी चौकी से सटे ध्वजदंड पर लहरा रहा है. सूत्रों ने बताया कि यह तस्वीर गलवान घाटी में एक जनवरी को ली गई थी.
लद्दाख के दोनों ओर भारी संख्या में सैनिकों का जमावड़ा
कुछ सीमावर्ती बिंदुओं पर दोनों देशों की सेनाएं पीछे हटी हैं, लेकिन कुल मिलाकर समूचे विवाद को सुलझाने में काफी वक्त लग सकता है और इसी लिए अधिकांश हिस्से में भारी संख्या में सेनाओं की तैनाती की गई है. देपसांग और हॉट स्प्रिंग्स में गतिरोध बना हुआ है. कठोर सर्दियों के दौरान भी पूर्वी लद्दाख के दोनों ओर भारी संख्या में बलों का जमावड़ा इस बात का संकेत देता है कि संघर्ष शांत होने से कोसों दूर है.
LAC पर तनाव के लिए चीन जिम्मेदार’
भारत का कहना है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनाव की स्थिति चीनी पक्ष द्वारा यथास्थिति को बदलने और द्विपक्षीय समझौतों के उल्लंघन के एकतरफा प्रयासों के कारण हुई है. इसलिए यह जरूरी था कि चीनी पक्ष शेष क्षेत्रों में उचित कदम उठाए ताकि पश्चिमी क्षेत्र में एलएसी के पास शांति बहाल हो सके.
गौरतलब है कि पिछले साल जून में पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प के दौरान एक कर्नल सहित भारतीय सेना के बीस जवान शहीद हो गए थे.