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नगालैंड में सुरक्षाबलों ने 13 स्थानीय लोगों को लोगों को उग्रवादी समझकर मार दी गोली

नगालैंड में अचानक तनाव का माहौल कायम हो गया जब सुरक्षाबलों ने 13 स्थानीय लोगों को लोगों को उग्रवादी समझकर गोली मार दी ,जिसमें कम से कम 13 ग्रामीणों की मौत हो गई, जबकि 11 अन्य घायल बताए जा रहे हैं। ये सभी ग्रामीण म्यांमार से सटे गांव ओटिंग के थे। घटना के बाद मुख्यमंत्री नेफियू रियो ने शांति की अपील करते हुए इसे दुर्भाग्यपूर्ण घटना बताया है। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि घटना की उच्च स्तरीय जांच भी कराई जाएगी। इस घटना में एक सुरक्षा बल के जवान की भी मौत की खबर है।

सूत्रों के मुताबिक तिरु-ओटिंग रोड पर एक गुप्त सूचना के आधार पर सुरक्षा बलों ने डेरा डाला था। इसी दौरान ग्रामीण उधर से आ गए। आरोप है कि गलती से सुरक्षा बलों ने उन्हें उग्रवादी समझ लिया और गोलियां बरसा दीं। इसमें कई लोग घायल हो गई। सुरक्षाकर्मियों की ओर की गई कार्रवाई के बाद ग्रामीण आक्रोश में आ गए और सुरक्षाबलों का घेराव कर उनकी गाड़ी में आग लगा दी। इस दौरान सुरक्षाकर्मियों ने अपनी आत्मरक्षा में फायरिंग की, जिसमें कई लोग घायल भी हुए हैं।

Nagaland: Security Forces Fired At Villagers Mistaking Them As Mil ... | Mocamboo.com
बताया जा रहा है कि घटना के बाद कुछ ग्रामीणों ने सुरक्षा बलों के कैंप को घेर लिया और उसके एक हिस्से को आग के हवाले करने की भी कोशिश की। सूत्रों के मुताबिक, गुस्साई भीड़ ने रविवार दोपहर मोन जिले में असम राइफल्स कैंप और कोन्याक यूनियन के कार्यालय में कथित रूप से तोड़फोड़ की। बताया जा रहा है कि 13 नागरिकों की मौत के बाद से स्थिति अस्थिर बनी हुई है।

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असम राइफल ने बिठाई कोर्ट ऑफ इंक्वायरी 
असम राइफल्स की ओर से घटना पर बयान जारी किया गया है। कहा गया है कि उग्रवादियों के एक संभावित आंदोलन की खुफिया जानकारी के आधार पर सोम जिले में विशेष अभियान की योजना बनाई गई थी। इस दौरान हुई मौतों के कारण की जांच के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी बिठाई गई है। मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी। अधिकारियों ने बताया कि इस घटना में कई सुरक्षा बलों को भी चोटें आई हैं, तो वहीं एक सैनिक शहीद भी हो गया है। घटना पर असम राइफल्स ने खेद व्यक्त किया है।

जिले में एसएमएस और इंटरनेट सुविधा बंद
मोन जिले में घटना के बाद हिंसा फैसले के डर से जिला प्रशासन ने इंटरनेट और एसएमएस सुविधा को पूरी तरह बंद कर दिया है। प्रशासन का कहना है कि इस अवधि में कोई भी न तो मैसेज भेज पाएगा और न ही इंटरनेट का प्रयोग कर सकेगा। बताया कि वाट्सएप, फेसबुक व अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए गलत संदेश प्रसारित किए जा रहे थे, जिसके चलते यह फैसला लिया गया है। इंटरनेट और एसएमएस सुविधा को अगले आदेश तक बंद रखा गया है।

इस बीच नगालैंड के राज्यपाल जगदीश मुखी ने घटना की निंदा की। राजभवन की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि एसआईटी इस घटना की हर एंगल से जांच करेगी।Nagaland: Security Forces Fired At Villagers Mistaking Them As Militants, At Least 12 Killed - दर्दनाक: नगालैंड के मोन जिले में 13 लोगों की मौत, आरोप- सुरक्षाबलों ने उग्रवादी समझकर ...

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