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बिहार में शराब और शराबबंदी पर दीदियों की रहेगी नजर ,फायरब्रांड महिला अधिकारियों को मिलेगी जिम्मेदारी

बिहार में शराबबंदी कानून को पुख्ता करने के लिए बिहार सरकार तमाम बड़े कदम उठा रही है, बिहार में अब दीदी ऐसे लोगों को शराब की लत से छुटकारा दिलाएंगी. पटना में जिला प्रशासन ने शराबबंदी का उल्लंघन करने वालों की लत छुड़ाने के लिए फायरब्रांड महिला अधिकारियों का एक दस्ता तैयार किया है. इन महिला अधिकारियों के नेतृत्व में महिलाएं इंटेलिजेंस का काम करेगी. गांव में घर से लेकर रसोई तक खुफियागिरी का नेटवर्क इसी माध्यम से तैयार किया जा रहा है. इस दस्ते के माध्यम से मिले ठोस इनपुट के बल पर पुलिस साक्ष्य (सबूत) आधारित कार्रवाई करेगी. ग्रामीण इलाकों में जीविका के माध्यम से महिलाएं रोजगार और बैंकिंग से जुड़ कर अपना भविष्य बनाने में जुटी हैं. जननी से लेकर बाल सुरक्षा योजना आशा कार्यकर्ताओं के बूते सफल हो रही हैं.Madhubani judge attack case bihar police association has demanded high  level independent enquiry nodmk8 - मधुबनी जज हमला मामला: बिहार पुलिस संघ ने  प्रस्ताव पारित कर की उच्चस्तरीय जांच की ...

शराब से सबसे ज्यादा परेशानी महिलाओं को ही हो रही है. इसको आधार मानकर आधी आबादी को इस कानून के पक्ष में सकारात्मक कार्रवाई के लिए तैयार किया जा रहा है. जिले में बाल विकास परियोजना पदाधिकारी महिला पर्यवेक्षक और आंगनबाड़ी सेविका सहायिका जीविका दीदी आशा और टोला सेवकों के नेटवर्क से इनपुट आसानी से मिल जाया करेगा. इनपुट के आधार पर शराब की लत के शिकार लोगों को इलाज और मनोवैज्ञानिक माध्यम से मुख्यधारा से जोड़ने की योजना है. शराब निर्माण बिक्री, पीने व पिलाने का अपराध और जो शराब छोड़ना चाहे उनके रोजगार का प्रबंध किया जाएगा. जो कानून तोड़ने में बाधक बनेंगे उनके खिलाफ पुलिस साक्ष्य के आधार पर कार्रवाई करेगी.बिहार में बड़े पैमाने पर आईपीएस के तबादले, देखें कौन कहां भेजा गया, Many  IPS officers transferred in Bihar – News18 हिंदी

आशा कार्यकर्ता शराब की लत छुड़ाने में करेंगी मदद

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सीडीपीओ द्वारा हर सप्ताह अपनी परियोजना क्षेत्र की रिपोर्ट तैयार कर जिलाधिकारी (डीएम) को दिया जाएगा. जिला स्तर पर अलग-अलग प्रकृति के मामले में संबंधित विभाग के अधिकारी को कार्रवाई के लिये दिया जाएगा. साथ ही इसकी मासिक प्रगति का मूल्यांकन भी किया जाएगा. चिकित्सकीय मामला सिविल सर्जन के अधीन रखा गया है.बिहार को 3 स्टेट हाइवे की सौगात, CM नीतीश बोले- किसी भी जिले में 5 घंटे

रोजगार के लिए उप-विकास आयुक्त और कानूनी कार्रवाई वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) के निर्देश पर किया जाएगा. पटना जिला प्रशासन की मानें तो महिलाओं को सबसे ज्यादा पीड़ा शराब पीने से पहुंचती है. शराब से दैनिक कमाई का बड़ा हिस्सा और सेहत दोनों बर्बाद होते हैं. इसका नुकसान बीवी और बच्चों को सबसे ज्यादा उठाना पड़ता है. इसलिए इस पूरे अभियान के केंद्र में नर्स और दीदी उपचार के अलावा काउंसलिंग करेंगे. नियमानुसार रोजगार के लिए मदद भी की जाएगी. जबकि मुख्यधारा से नहीं जुड़ कर जो अपराध करते रहेंगे उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगीPatna News: दोबारा शराब के धंधे में तो नहीं उतर गए 211 बर्खास्त जवान? पुलिस  मुख्यालय रख रहा पैनी नजर | Police HQ asked mobile details and home address  of 211 dismissed

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